खत्म हुआ आतंक का अध्याय
इलमा अजीम
नसरल्लाह की मौत ऐसी घटना है, जिससे मध्य-पूर्व और पश्चिम एशिया के देश ही प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि वैश्विक समीकरण बदलेंगे। इजरायल के साथ अमरीका और यूरोपीय देश हैं, जबकि ईरान के पक्ष में रूस और चीन जैसे देशों का गठजोड़ है। अंततः इजरायली सेना ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के सरगना शेख हसन नसरल्लाह को मार गिराया। इसी के साथ एक खूंख्वार और खौफनाक आतंक का अध्याय समाप्त हुआ। इजरायली सेना ने सटीक खुफिया सूचना के आधार पर लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह मुख्यालय और उसके 140 से अधिक ठिकानों पर ऐसी बमवर्षा की कि नसरल्लाह किसी बंकर में भी सुरक्षित नहीं रह पाया। करीब 30 मिनट के भीतर लगभग 80 बम दागे गए। उनमें बंकर बस्टर बम भी थे, जो किसी भी बंकर को फाड़ कर अंदर घुसने और विस्फोट करने में सक्षम हैं। इस अभियान के बाद इजरायली सेना ने बयान दिया कि अब नसरल्लाह दुनिया पर अपना आतंक नहीं फैला सकेगा। कुछ घंटों के बाद हिजबुल्लाह ने भी कबूल किया कि चीफ शहीदों में शामिल हो गए हैं। दरअसल नसरल्लाह अलकायदा के ओसामा बिन लादेन, अयमान अल जवाहिरी, हमास के सियासी ब्यूरो के सरगना इस्माइल हनियेह और हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडरों की जमात का ही आतंकवादी था, जिसने अमरीका और इजरायल में हजारों इनसानी जिंदगियों को ‘लाश’ बना दिया था। उसका एकमात्र मकसद था कि इजरायल और यहूदियों का वजूद ही खत्म करना है।
नसरल्लाह 1992 से हिजबुल्लाह का सरगना आतंकी था। नसरल्लाह ईरान की ‘प्रॉक्सी’ के तौर पर इस्लामी जेहाद का ‘मुजाहिद’ माना जाता था। यह इसी से साफ है कि ईरान ने उसकी मौत के बाद पांच दिन का ‘राष्ट्रीय शोक’ घोषित किया है, क्योंकि ईरान ने उसे ‘महान मुजाहिद’ माना है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से ही ऐलान किया है कि जब तक हमास, हिजबुल्लाह का खात्मा नहीं होता, तब तक इजरायल की उनके खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।
अब सवाल है कि नसरल्लाह के बाद हिजबुल्लाह की सैन्य और मानसिक ताकत कितनी शेष रहेगी कि वह इजरायल से जंग लड़ सके? हिजबुल्लाह के शीर्ष चार कमांडरों को इजरायली सेना ने बीते एक माह के दौरान ही ढेर कर दिया था। अब कमांडर अबु अली रीदा ही जिंदा बचा है। बेशक हिजबुल्लाह की ताकत और शस्त्रागार अब भी पर्याप्त हैं, लेकिन सरगना की मौत के बाद जो बिखराव आएगा, उसे समेटने में अभी वक्त लगेगा।
लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार ,मेरठ
No comments:
Post a Comment