दारोगा बीस हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार 

 मेरठ। सरकारी विभाग में भष्ट्राचार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा रहा है। शनिवार को एंटी करप्शन की टीम ने  थाना भावनपुर के अंतर्गत हाने वाली अब्लुल्लापुर चौकी पर तैनात एक दरोगा को रंगे हाथों बीस हजार रूपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।वहीं दरोगा के रिश्वत के बाद पकड़े जाने पर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। दरोगा विक्रम सिंह ने मारपीट के झूठे मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर पीड़ित पक्ष से 20 हजार रुपए की मांग की थी।

एंटी करप्शन अधिकारी ने बताया कि अब्दुल्लापुर निवासी इमरान चौहान के खिलाफ थाना भावनपुर पर एक मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें उसका नाम गलत लिखाया गया था। महिला दरोगा अर्चना ने नाम निकालने के नाम पर 50 हजार रुपए मांगे और दारोगा विक्रम सिंह से बात करने को कहा। इसके बाद मामला 20 हजार रुपयों में तय हुआ।पीड़ित इमरान ने चाय की दुकान पर ले जाकर दरोगा को रकम दी। इमरान ने एंटी करप्शन टीम को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद एक टीम गठित की गई। शनिवार को इमरान रुपया लेकर एंटी करप्शन टीम के साथ अब्दुल्लापुर पहुंचा। यहां उसे दरोगा विक्रम सिंह चाय की दुकान पर ले गया और 500 के नोट में 20 हजार रुपए दिए। तभी पकड़ा गया।रंगे हाथों पकड़े जाने पर दारोगा विक्रम सिंह ने टीम के सदस्य को धक्का देकर भागने का प्रयास किया। इस दौरान हुई धक्का मुक्की में एंटी करप्शन टीम के कई लोगों के कपड़े फट गए। बाद में पुलिस दरोगा को गिरफ्तार कर थाना सिविल लाइन ले आई है। यहां उससे पूछताछ की जा रही है।

पीड़ित इमरान ने बताया वो अब्दुल्लापुर का रहने वाला है। उस पर 21 सितंबर 2024 को मारपीट का एक झूठा मुकदमा लिख दिया गया। बताया कि समीर और समद के बच्चों में नमाज पढ़ने को लेकर झगड़ा हुआ था। लेकिन मुझ पर गलत मुकदमा लिखवा दिया। मैंने थाने में झूठा मुकदमा हटाने की शिकायत भी की थी। मुकदमा के बाद थाने से अर्चना मैडम मेरे घर पर कई दफा जाती थी। लगभग 10 से 12 बार अर्चना मैडम मेरे घर बेवजह ही पहुंची। वो कहती थी कि दरोगा विक्रम सिंह से मिल लो।

अर्चना मैडम मुकदमे की विवेचना कर रही थी। वो विक्रम सिंह के अंडर में थी। अर्चना मैडम ने मेरे घर आकर पड़ोसियों से घटना पूछी। किसमें झगड़ा हुआ था। लोगों ने उन्हें सच बता दिया। फिर मैडम ने मुझे अब्दुल्लापुर चौकी पर बुलाया। चौकी पर अर्चना मैडम से मैंने कहा कि मैडम ये झूठा मुकदमा है। तो मैडम ने कहा ठीक है मैं तुम्हारा मुकदमा हटवा दूंगी, तुम एक बार विक्रम  से बात कर लो।

मैंने विक्रम  से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे 50 हजार रुपए चाहिए मैं इसे हटवा दूंगा। मैंने कहा कि सर ये झूठा मुकदमा है। कोई इतनी बड़ी बात नही हैं। तो हमारी डील 20 हजार रुपए में तय हुई। उसके बाद मैंने शिकायत की और आज वो अरेस्ट हुए हैं।​​​​​​​


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