न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है -सौरभ जैन सुमन
मेरठ। दो विभिन्न विचारधाराओं के पाटों के मध्य अब जैन समाज भी पिसने लगी है। सर्वविदित है कि जैन समाज मेरठ महानगर के अध्यक्ष्य सुरेश जैन रितुराज भाजपा के न केवल समर्थक हैं अपितु भाजपा के महानगर अध्यक्ष भी हैं। जैन समाज के एक बड़ा तबका भाजपा से जुड़ा है। प्रसिद्ध कवयित्री डॉ अनामिका जैन अंबर ने तो यूपी में बाबा और रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर जैसे गीतों को गए कर चुनावों में भगवा रंग घोला था। कवि सौरभ जैन सुमन ने हाल में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देशन में देशभर के लगभग 400 कवियों का कवि कुंभ लखनऊ में आयोजित किया था।
वहीं दूसरी ओर विपरीत विचारधारा के सामाजिक लोग भी एकत्र होने लगे हैं। सुदीप जैन, अक्षय जैन अरिहंत, अतिशय जैन एवं पारस जैन सोशल मीडिया पर भाजपा के विरुद्ध अक्सर पोस्ट डालते रहे हैं। ये खाई और अधिक गहरी तब हो गई जब उन्होंने भाजपा समर्थित कवि युगल के विरुद्ध भी अपने सोशल प्लेटफार्म्स पर लिखना शुरू कर दिया।
इसी बीच हिंदी साहित्य अकादमी भारत का फेसबुक आधिकारिक पृष्ठ हैक कर लिया गया। जिसके चलते अध्यक्ष सौरभ जैन सुमन, महामंत्री उमंग गोयल एवं कार्यकारिणी सदस्य अमन जैन, उदिता शर्मा आदि ने थाना सदर बाजार में अभियोग पजीकृत करवाया। जिसमें शक के आधार पर सुदीप जैन, अक्षय जैन, अतिशय जैन एवं पारस जैन का नाम उल्लेखित किया गया था।
इस वाद में सुदीप जैन ग्रुप ने सौरभ जैन सुमन पक्ष पर मानहानि के दावे का नोटिस भेजा जिसका जवाब सौरभ सुमन पक्ष के वकील ने निर्धारित समय सीमा में दिया।
किंतु समाज के प्रेशर एवं अपने कर्तव्यों को देखते हुए सौरभ जैन सुमन ने मोक्ष सप्तमी पर सुदीप जैन को मामला निपटाने के लिए कॉल किया। सुदीप जैन ने फोन उठाया नहीं। बाद उसके क्षमावाणी पर्व पर कवि सौरभ जैन सुमन ने उनको एवं अक्षय जैन अरिहंत को व्हाट्सएप पर संदेश में लिखा की उनके मन में सुदीप पक्ष के लिए वैरभाव नहीं है और वह अपनी तरफ से कोई वाद न्यायालय में उनके विरुद्ध नहीं करेंगे। किंतु इस बात का सुदीप पक्ष ने कोई मोल नहीं लिया।
इस पर आज हिंदी साहित्य अकादमी की बैठक में सौरभ जैन सुमन ने बड़े भारी मन से कहा की अब युद्ध विवशता है। उन्होंने जयद्रथ वध में महाकवि मैथिली शरण गुप्त द्वारा लिखी पंक्तियां दोहराई "अन्याय सहकर बैठ रहना यह महा दुष्कर्म है,न्यायार्थ अपने बंधु को भी दंड देना धर्म है।" उन्होंने कहा की सुदीप जैन पक्ष को जैन धर्म का मूल ही समझ नही आया तो अब युद्ध ही सही।
वहीं अकादमी के महामंत्री उमंग गोयल ने रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियां दोहराते हुए कहा की "क्षमा क्षोभति उस भुजंग को जिसके पास गरल हो, उसको क्या जो दंतहीन, विषहीन, विनीत सरल हो"। उन्होंने कहा की सुदीप जैन, अक्षय जैन अरिहंत, अतिशय जैन एवं पारस जैन अपने सोशल मीडिया पर देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के विरुद्ध जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह अक्षम्य है। उसी विरोध के चलते वो अब अपने समाज के लोगों के विरुद्ध भी पोस्ट करने लगे, संगठन के राष्ट्रीय उपमहामंत्री दिव्यांश टंडन ने कहा की ये युद्ध एक समाज के लोगों का नही अपितु विभिन्न विचारधाराओं का है। किंतु राजनैतिक विचारधाराओं की भिन्नता समाज को तोड़ती नही है अपितु शक्ति देती है। मूर्ख हैं वो लोग जो इसे निजी युद्ध समझ कर असामाजिक कृत्य कर बैठते हैं। निश्चित ही समस्त साक्ष्य सुदीप पक्ष के विरुद्ध हैं जो पुलिस एवं कोर्ट में प्रस्तुत किए जा रहे हैं। जल्द ही दोषी सलाखों के पीछे होंगे।
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