अल्जाइमर की बीमारी अब कम उम्र के लोगों में देखने को मिल रही - डा दीपिका सागर 

 मेडिकल  में विश्व अल्जाइमर दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन 

 मेरठ।  मेडिकल कॉलेज मेरठ के न्यूरोलॉजी विभाग में विश्व अल्जाइमर दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें इस बीमारी के बारे में जानकारी चिकित्सकों ने जानकारी दी। 

कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि हर साल 21 सितंबर को विश्‍व अल्‍जाइमर दिवस  मनाया जाता है. ये दिन लोगों को अल्‍जाइमर बीमारी के प्रति जागरुक करने का दिन है. अल्‍जाइमर की समस्‍या वैसे तो ज्‍यादातर बुजुर्गों को होती है, लेकिन अब ये कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है. अल्‍जाइमर के लक्षण आमतौर पर सामान्‍य होते है। जिससे आमजन इस रोग को  गंभीरता से नहीं लेते हैं। लेकिन अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज न कराया जाए तो धीरे-धीरे स्थिति गंभीर हो सकती है.

कार्यक्रम में न्यूरो फिजिशियन डॉ दीपिका सागर ने बताया कि इस बीमारी में दिमाग के अंदर सिकुड़न पैदा हो जाती है यह प्रोटीन का बना होता है, धीरे-धीरे गलत प्रोटीन बनने लगता है।जिससे जीन में  बदलाव हो आरंभ हो जाता है और याददाश्त वाली कोशिकाएं निष्क्रिय होने लगती है। सोचने एवं समझने की शक्ति कमजोर होने लगती है। इस प्रारंभिक अवस्था को मेडिकल साइंस में मिनिमल कॉग्निटिव इंपेयरमेंट कहते हैं यदि इस प्रकार के मरीज़ को उपचार नहीं मिलता है  तो यही अवस्था डिमेंशिया में बदल जाती है। डिमेंशिया अल्जाइमर बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है।साथ ही साथ उन्होंने बताया कि इस बीमारी से संबंधित जाँच, इलाज आदि मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। इस बीमारी से ग्रसित मरीज़ मेडिकल कॉलेज मेरठ में विभाग में आ कर मिल सकते है। विभाग के न्यूरो फिजिशियन डॉ अंकित गुप्ता ने बताया कि इस बीमारी में मानसिक क्षमता की हानि होती है व याददाश्त खत्म हो जाती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो लोग भविष्य में खुद को भी भूल जाते हैं। इस बीमारी में हर वक्त,असमंजस, चिड़चिड़ापन, नींद में कमी, पुरानी चीजों को भूल जाना, नाम व पता भूल जाना आदि प्रमुख लक्षण है। इस बीमारी से बचने के लिए रात में सोने से एक घंटे पहले मोबाइल बंद कर देना चाहिए, सोते वक्त मोबाइल आसपास नहीं रखना चाहिए,  तनाव मुक्त  होकर काम से कम 8 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए, प्रतिदिन सुबह खुले वातावरण में कम से कम आधा घंटा टहलना चाहिए, जंक फूड आदि का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए, स्वस्थ आहार लेना चाहिए,धूम्रपान और शराब जैसी चीजों से बचना चाहिए, बीपी शुगर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना चाहिये। उपरोक्त कार्यक्रम में न्यूरोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य कर्मचारी गण तथा छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे। 

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