दस मौतें शोक जताने के सत्ताधारी पार्टी से एक जन प्रतिनिधि पहुंचा 

 जाति, धर्म व राजनीति  से भी उठकर कोई चीज होती है  

मेरठ। जाकिर कॉलोनी में एक मकान के ढहने से दस जिदां लोग शवाें के रूप में बदल गये। पांच लोग जिंदगी और मौत से अस्पतालों में झूल रहे है। दुख की बात यह है जिले में छ विधायक भाजपा के है ,दो एमएलसी, एक वर्तमान सासंद जबकि दो राज्यसभा सांसद व मेयर भाजपा से है  राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर को छोड़कर कोई भी परिवार को सांत्वना देने के लिए नहीं पहुंचा। क्या यही सबका साथ सबका विकास नारा कही फिट बैठता दिखाई दे रहा है। जाति धर्म व राजनीति से बढ़कर भी कोई चीज होती है। 



बतादें जाकिर कॉ‍लोनी के गली नम्बर आठ में एक तीन मंजिला मकान ढहने से दस लोग शवों के रूप में बदल गये। जिसमें आधा दर्जन से अधिक  बच्चे शामिल है।  5 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। जहां वह जिंदगी और मौत से लड़ रहे है। दुख की इस घड़ी में जहां सपा , बसपा , असपा के राजनीतिक नेता परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचे। लेकिन भाजपा को कोई भी नेता दुख की घड़ी में खड़ा होता दिखाई नहीं दिया। अगर यही हादसा किसी किसी दुसरे समुदाय में हो जाता तो शायद सांत्वना देने वालों को तांता लगा जाता। हमारा मकसद किसी पर आरोप लगाना नहीं है। हमारा तो सिर्फ यही कहना है ऐसे मौके पर जाति ,धर्म व राजनीति से ऊपर उठना चाहिए ।घटना को लेकर कोई भाजपा का एक भी स्थानीय नेता दुख जताने नहीं पहुंचा। इससे लोगों में नाराजगी भी है। दक्षिण के विधायक व राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर परिवार के बीच सांत्वना देने के लिए पहुंचे। 

सपा नेता और हस्तिनापुर के पूर्व विधायक योगेश वर्मा शोक जताने पहुंचे। पीड़ितों के परिजनों, रिश्तेदारों से मिलकर दुख जताया। योगेश वर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह पीड़ितों के साथ है।वहीं इस बीच योगेश वर्मा ने सत्ता पक्ष के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि स्थानीय मंत्री, विधायक अब तक पीड़ितों का हाल जानने नहीं पहुंचे। कहा कि भाजपा के लोग दुख दर्द में भी धर्म, जाति की राजनीति करते हैं।पूर्व विधायक और सपा नेता योगेश वर्मा ने कहा कि शहर के लिए ये बहुत बड़ा हादसा है। व्यवस्थाएं सही नहीं थी। अगर सही होती तो शायद दो-तीन लोग और बच सकते थे। हमारी पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूरी मदद देने का साथ दिया है। बड़ा हादसा है। इसमें सभी को साथ रहना चाहिए। पीड़ित परिवार मुस्लिम है इसलिए भाजपा से कोई नेता दुख जताने नहीं आया।उन्होंने कहा कि यहां तो नगर निगम के मेयर और जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायकों को भी आना चाहिए था। जो जनप्रतिनिधि होता है। वो सबके लिए चुना जाता है। ये नहीं कि जाति और धर्म देखकर ही दुख दर्द की बात करेंगे। दुख दर्द तो सबके लिए बराबर होना चाहिए। भाजपा हमेशा धर्म की बात करती है। इतना बड़ा हादसा हुआ है, सांसद अरुण गोविल उनको आना चाहिए था।उन्होंने कहा कि मैं यहां राजनीति चमकाने नहीं, मैं इनके दुख में शामिल होने आया हूं। मेरी पत्नी को यहां की जनता ने अभी सांसदी के चुनाव में बिना मांगे 5 लाख 36 हजार वोट दिए। हम इनके दुख में हर तरह से शामिल हैं। कहते हैं पीड़ित परिवार के दुख में हम हर तरह साथ हैं। वो धर्म की राजनीति करते हैं।जब हमारी पत्नी सुनीता वर्मा मेयर थी तब अभियान चलाकर शहर से डेरियों को बाहर किया गया। लेकिन उनके हटने के बाद सारे अभियान ठंडे बस्ते में डाल दिए गए। नगर निगम का फेलियर है। जब से भाजपा की सरकार, भाजपा का मेयर है कोई काम नहीं हो रहा। सिर्फ बंदर बाट हो रही है।वहीं  देर शाम दक्षिण सीट से भाजपा के विधायक और राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया। ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर ने पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा हर संभव मदद कराने का आश्वासन दिया। 

 हमारा तो सिर्फ यही कहना है मेयर ,विधायक एमएलसी, सांसद ,राज्ससभा सांसद को ऐसे मौके पर इन सब चीजों से ऊपर उठ कर कार्य करना चाहिए है। वह जनता के प्रतिनिधि है। 

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