शराब नीति घोटाला में  केजरीवाल को जेल से बेल

  104 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे सीएम
नई दिल्ली ।  सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दो याचिकाओं पर फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को नियमित जमानत देने का फैसला सुनाया। इस संबंध में न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने उनके फैसले पर सहमति जताई। कोर्ट ने केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी।
केजरीवाल ने कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
ईडी मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 12 जुलाई को जमानत मिली थी। ऐसे में अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने 104 दिन पहले यानी 2 जून को अंतरिम जमानत की मियाद पूरी होने के बाद सरेंडर किया था। माना जा रहा है कि वे आज ही जेल से बाहर आ सकते हैं।
कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं
कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ता मामले के बारे में सार्वजनिक रूप से कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेगा। ईडी मामले में लगाई गई शर्तें इस मामले में भी लागू होंगी। वह ट्रायल कोर्ट के साथ पूरा सहयोग करेगा।

 सीबीआई पर जस्टिस भुइंया की तीखी टिप्पणी
 जस्टिस भुइंया ने सीबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि उसे पिंजरे में बंद तोता होने की धारणा को दूर करना चाहिए। उन्होंने सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी का उद्देश्य केजरीवाल को जेल से बाहर आने से रोकना था। उन्होंने सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी का उद्देश्य केजरीवाल को जेल से बाहर आने से रोकना था। उन्होंने कहा कि 'कानून के शासन द्वारा संचालित लोकतंत्र में धारणा मायने रखती है। जांच एजेंसी को निष्पक्ष होना चाहिए।

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