आंखों में आंसू लिए शहर में निकला काफिला-ए-गम एकदम
जोरदार मातम के साथ पढ़े गए दर्द भरे नोहे
मेरठ। काफिला-ए-गम कमेटी की ओर से बुधवार को शास्त्री नगर सैक्टर 4 स्थित शाहजलाल हाल में मजलिस गम-ए-हुसैन का आयोजन किया गया। मजलिस को सुप्रसिद्ध आलिम मौलाना सैयद रेहान हैदर जै़दी ने खिताब करते हुए असीराने करबला की कैद से रिहाई व दर्द भरी मुसीबतें बयान की।
मजलिस की शुरुआत अली हसन ने तिलावत-ए-कलामे पाक से की। सोजख्वानी सुहेल काज़मी व अनवार अली जै़दी ने की। शाह अब्बास सफवी, ‘फराज़’ मेरठी, जावेद रजा, कौसर रजा और सखी हैदर रिजवी ने सलामे अकीदत पेश किया। मजलिस के बाद अली फात्मा मंजिल के सामने पार्क से काफला-ए-गम रंजोअलम के माहौल में बरामद हुआ। इसमें सबसे पहले निशाने फतेह उठाया गया। ईराक (करबला) से आये परचम-ए-अब्बास के साये में हुसैनी सोगवारों ने मुल्क व कौम की तरक्की, खुशहाली और अमन चैन की दुआ की।
इसके बाद अलम-ए-मुबारक हजरत अब्बास, शबीह-ए-ताबूत हजरत इमाम हसन असकरी, झूला हजरत अली असगर और जुलजनाह बरामद हुआ।
कार्यक्रम का संयोजक अली हैदर रिजवी ने किया। उन्होंने कहा कि हमें मुल्क की जम्हूरियत (लोकतंत्र) पर नाज है।
जुलूस में जावेद रजा जैदी, अयाज हुसैन जैदी, अरशी नकवी और शाहनवाज हुसैन जैदी ने दर्द भरे नौहे पढ़े। अंजुमन फौजे हुसैनी, अंजुमन जुल्फिकार हैदरी और अंजुमन पैगाम-ए-असगर के नोहाखानो ने नोहेख्वानी व मातमपुर्सी की। शुऐब जै़दी की दुआ के साथ नोहेख्वानों ने अलविदाई नोहा पढ़ा।
इस दौरान बाकर नकवी, हाजी खुर्शीद जैदी, बाकिर जैदी, हाजी अंजुम जैदी, इकबाल रजा, हाजी शमशाद अली जैदी, अरफात हैदर रिजवी, गाजी हैदर, मासूम रजा, मुजफ्फर अली, तारिक अब्बास और मुसर्रत अली सहित बड़ी संख्या में हुसैनी सो मौजूद थे।


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