मेरठ में चलने वाली मेट्रो ट्रेन की टेस्टिंग शुरू

 शनिवार को रैपिड व मेट्रो में बताया जाएगा अंतर 

मेरठ।  मेरठ में चलने वाली मैटो रेल व  रैपिड की तैयारी तेजी से आरंभ हो गयी है। शनिवार को दुहाई डिपों में  एनसीआरटीसी द्वारा दोनो ट्रेनों के बीच अंतर बताने के लिए कार्यशाला का आयोजन  जा रहा है। जिसमें रैपिड व मै्ट्रो के बीच अंतर को दर्शाया जाएगा । मैट्रो रैपिड से किस प्रकार अलग दिखाई देगी इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दोनो ट्रेनों की गति के अंतर भी बताए जाएंगे। 
 एनसीईआरटी के पीआरओ पुनित वत्स ने बताया रैपिड का संचालन सराय काले खां से मेरठ मोदीपुरम डिपो तक किया जाएगा। जिसमें  साहिबाबाद से मेरठ दक्षिण तक संचालन आरंभ हो गया है। इस समय रैपिड 42 किलोमीटर के ट्रैक पर दौड़ रहा है। जबकि टोटल टैंक की लंबाई 82.2 किलोमीटर है।इसमे से नब्बे प्रतिशत का कार्य पूरा किया जा चुका है। उन्होंने बताया मैटो ट्रेन मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम डिपो तक दौड़ेगी । उन्होंने बताया मेरठ से दिल्ली जाने वाले यात्री  मेरठ के तीन स्टेशन  जिसमें मेरठ दक्षिण , बेगमपुल व मोदीपुरम से ट्रेनों का बदल सकेंगी।  उन्होंने  बताया शनिवार को दुहाई डिपो पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें रैपिड एवं मेट्रो की खूबियों के अंतर के बारे में  विस्तार से बताया जाएगा। 
मेरठ साउथ स्टेशन होगा चेंजिंग पॉइंट
मेरठ के मोदीपुरम से दिल्ली के सराय काले खां तक 82 किलोमीटर का ट्रैक बनकर तैयार हो चुका है। इसमें सराय काले खां से मेरठ साउथ स्टेशन तक रैपिड रेल चलेंगी। जबकि मेरठ शहर के अंदर मेट्रो चलेगी। मेरठ शहर के यात्री मेट्रो से सफर करते हुए मेरठ साउथ स्टेशन तक पहुंचेंगे। यहां वे ट्रेन बदलकर रैपिड रेल में सवार होंगे और दिल्ली जा पाएंगे।

मेरठ मेट्रो रेल की विशेषताएं
मेरठ मेट्रो 3 कोच से मिलकर बनेगी। इसमें एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स और लोंगिट्यूडनल बैठने की व्यवस्था होगी।
ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से बनी है।
एसी, आरामदायक सिटिंग, खड़े होने की पूरी जगह मिलेगी। सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग, सीसीटीवी कैमरे, डायनामिक रूट मैप्स, इंफोटेनमेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक लाइट्स की सुविधा रहेगी।
भीड़ मैनेजमेंट के लिए सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के साथ मेट्रो संचालन को जोड़ा जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन हो सके।
ऊर्जा खपत कम करने के लिए ट्रेन के दरवाजों में पुश बटन रहेगा। इसकी हेल्प से दरवाजे खुलेंगे। जहां पुश बटन दबेगा तभी बंद होंगे। इमरजेंसी एग्जिट इक्विपमेंट, फायर सेफ्टी, इमरजेंसी अलार्म, टॉक-बैक सिस्टम भी मिलेगा।इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज, स्ट्रेचर, व्हील चेयर की सुविधा भी ट्रेन में रहेगी

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