रूस की प्रोफेसर ने की भारतीय संस्कृति की सहराना
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में सोमवार को मिनिन यूनिवर्सिटी, रूस से आई प्रोफेसर नादेज्जदा को कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने स्वागत किया। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र के सभी पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए एमओयू के तहत आप हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों को वहां की संस्कृति से अवगत कराएं। उन्हें वहां के खानपान, पहनावा, रीति-रिवाज और जीवनशैली के बारे में जानकारी दें, ताकि हमारे छात्र और छात्राएं इन बातों से परिचित हो सकें। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रकार के सहयोग को सांस्कृतिक और कौशल विकास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया। इस एमओयू के तहत छात्रों को व्यावसायिक और सामान्य कौशल सीखने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि वे वैश्विक दृष्टिकोण से तैयार हो सकें।
प्रोफेसर नादेज्जदा ने भारतीय संस्कृति और यहां के पहनावे की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति अद्भुत है। उन्होंने विश्वविद्यालय के हरे-भरे वातावरण की तारीफ की और कहा कि विश्वविद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने सुबह उठकर विश्वविद्यालय में मॉर्निंग वॉक किया और यहां की सुंदरता का आनंद लिया। इसके बाद वह माइक्रो बायोलॉजी विभाग में छात्रों से रूबरू हुईं। कल से वह चयनित छात्रों को रशियन भाषा पढ़ाना शुरू करेंगी। वह 15 दिन विश्वविद्यालय में रहेंगी।प्रोफेसर नादेज्जदा ने यह भी बताया कि उन्हें भारतीय नृत्य, विशेष रूप से भरतनाट्यम में रुचि है, और उन्होंने इस कला को सीखा है। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि उनका भारतीय पारंपरिक परिधान में आना यहां की संस्कृति के प्रति उनके सम्मान और प्यार को दर्शाता है।इस अवसर पर प्रोफेसर बीरपाल सिंह, निदेशक शोध, सीसीएसयू प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा,प्रोफेसर एस के दत्ता,प्रोफेसर दिनेश कुमार,प्रोफेसर एसएस गौरव,इंजीनियर मनीष मिश्रा,इंजीनियर प्रवीण कुमार,प्रेस प्रवक्ता श्री मितेंद्र गुप्ता मौजूद रहे।
बता दें कि 14 सितंबर 2023 को राजभवन, लखनऊ में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल के समक्ष चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ और मिनिन यूनिवर्सिटी, रूस के बीच एमओयू साइन हुआ था। इस एमओयू के तहत रशियन सेंटर खोलने पर भी सहमति बनी थी। बीते वर्ष एमओयू के पश्चात मिनिन यूनिवर्सिटी से एक शिक्षिका भी यहां आई थी और तीन माह तक छात्रों को रशियन भाषा सिखाई थी।
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