ऐसा मंजर किसी का न दिखाएं हादसे में लील हो गयी 10 जान
मेरठ। जाकिर काॅलाेनी के गली नम्बर आठ में बरसात के कारण गिरे मकान में अब 10 लोगों की जान जा चुकी है। जिसमें आधा दर्जन बच्चे शामिल है। जिस ने भी यह मंजर देखा है उसकी रूंह कांप उठी है। लोगों का कहना है ऐसा मंजर किसी को न दिखाई जो अलाउददीन के परिवार पर टूटा है।
शनिवार को शाम पांच तक गली नम्बर 8 में सब कुछ ठीक चल रहा था। किसी को भी आभास नहीं था कि ऐसा काल आने वाला है। जब अचानक पांच बजकर 15 मिनट पर एक तिमंजला मकान भरभरा कर गिर गया। अचानक हुए हादसे में पहले तो ऐसा लगा जैसे कोई गैस का सिलेड़र फटा हो। जब लोगों ने मकान में चीख पुकार सुनी तो जो जिस हाल में था उसी हाल में उस मकान की ओर दौड़ा । वहां के हालत देखकर सबको समझ मे आ गया। बिना देर किए लोगों ने अपने स्तर से बचाव कार्य आरंभ किया। लेकिन लैटर को हटना आसान काम नहीं था। लेकिन जिससे जो भी बन पा रहा था वह अपना दिमांग इस्तेमाल कर रहा था। रात में एनडीआरएफ की टीम जब मौके पर पहुंची तो जैसे ही उनसे मलबे को हटाना आरंभ किया तो बचाव कार्य में लगे स्थानीय लोगों ने जो मंजर देखा उसकी आंखे नम हो गयी। साजिद ने अपने बेटे शाकिब को अपने सीने से लगाया हुआ था।
इससे आप अंदाज लगा सकते है। उसने अपने बेटे को बचाने का कितना प्रयास किया होगा। लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। एसडीआरएफ की टीम ने मलबे में दबी सूफियान को जब निकाला तो उसकी सांसे चल रहा था। तभी आनन फानन में उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर लेकर उसे अस्पताल में भिजवाया गया। जिसकी हालत अब खतरे से बाहर बतायी जा रही है। पडोसी दीनू की माने तो शाम के समय अचानक अलाउददीन का मकान हिलने लगा। तो मकान में मौजूद लोग आननफानन में नीचे आ गये। इस दौरान एक जोरदार धमाके के साथ पूरा मकान भरभरा कर जमीदोंज हो गया।एक ही झटके में परिवार के 10लोग मौत के काल में समा गये।
हादसे के बाद में डीएम दीपक मीणा का कहना है लगातार हो रही बरसात के कारण यह हादसा हादसा हुआ है। पोस्टमार्टम हाऊस में सभी दस शवों को पीाएम करवाया जा रहा है। जिससे उनके परिजनेां को शवों केा हैंड ओवर किया जा सके। जहां तक आर्थिक सहायता की बात है तो हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को प्रति व्यक्ति चार लाख की सहायता राशि व मकान बनाने के लिए एक लाख तीस हजार के लिए प्रयास किए जा रहा है। हादसें में जो मवेशी मारे गये है। उस पर परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
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