व्यक्तित्व विकास और न्यायालय-कक्ष में शिष्टाचार पर सेमिनार का आयोजन 

 मेरठ। विधि विभाग, मेरठ कॉलेज में "व्यक्तित्व विकास और न्यायालय-कक्ष में शिष्टाचार" विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य एलएल.बी. और एलएल.एम. के विद्यार्थियों को न्यायालय-कक्ष में उचित व्यवहार और पेशेवर शिष्टाचार के महत्व से अवगत कराना था।

 इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कामेश्वर प्रसाद ने की, जबकि संचालन प्रोफेसर मुरारी प्रसाद वर्मा द्वारा किया गया। सेमिनार में मुख्य वक्ता डा. अशोक कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों के समक्ष न्यायालय-कक्ष के शिष्टाचार और व्यवहार से जुड़े महत्वपूर्ण व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।

 डा. अशोक कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों को न्यायालय-कक्ष में अनुशासन, विनम्रता, और संयम बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हमेशा वकीलों की वर्दी के बारीकियों को समझना चाहिए और वरिष्ठों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान ध्यानपूर्वक सुनें, धैर्य के साथ उत्तर दें, और अपनी पिच को ऊँचा न करें। तर्क और तथ्यों को मज़बूत बनाकर पेश करें और गंभीर मुद्दों को साहसपूर्वक उठाएं, लेकिन भाषा और व्यवहार में गरिमा बनाए रखें।

 इस अवसर पर विधि विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसरों में प्रो. प्रवीण दुबलिश, प्रो. हरिशंकर राय, डा.. दानिश ख़ान, डा. कौशल प्रताप सिंह, और डा. जितेंद्र सिंह यादव भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही शोध छात्र विवेक कुमार और विशाल सक्सेना सहित अनेक छात्र-छात्राओं ने सेमिनार में भाग लिया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।

 कार्यक्रम के अंत में विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कामेश्वर प्रसाद ने सभी उपस्थित वक्ताओं और विद्यार्थियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के सेमिनार विद्यार्थियों को न केवल व्यावसायिक रूप से, बल्कि व्यक्तिगत रूप से भी सशक्त बनाते हैं।

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