"इंटरनेट युग में बौद्धिक संपदा अधिकार" विषय पर अतिथि व्याख्यान आयोजित
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, के ललित कला संकाय के फैशन एवं टेक्सटाइल डिज़ाइन विभाग ने "इंटरनेट युग में बौद्धिक संपदा अधिकार" विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान अनुसंधान और सांख्यिकी के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व, प्रोफेसर (डॉ.) राजीव चौधरी द्वारा दिया गया था, जो वर्तमान में शारीरिक शिक्षा के प्रोफेसर, स्कूल ऑफ स्टडीज इन लॉ के प्रमुख, संयुक्त प्रॉक्टर और डीन के रूप में कार्यरत हैं। छात्र कल्याण के पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़।
सत्र की शुरुआत हमारे सम्मानित अतिथि प्रो. चौधरी के गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। ललित कला संकाय के डीन और प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) पिंटू मिश्रा ने उन्हें सम्मान और सराहना के तौर पर एक पौधा और एक पटका भेंट किया। कार्यक्रम की संयोजक, डिज़ाइन विभाग की प्रमुख डॉ. नेहा सिंह ने रिसोर्स पर्सन का परिचय दिया और विषय के महत्व को दर्शकों के साथ साझा किया।
प्रोफेसर चौधरी ने इंटरनेट युग के संदर्भ में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर एक अत्यधिक जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया, जिसमें इसके वर्गीकरण, प्रकार और आज की डिजिटल दुनिया में आईपीआर की प्रासंगिकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने बौद्धिक संपदा की ऑनलाइन सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों के बारे में बताया और रचनात्मक कार्यों और अनुसंधान आउटपुट की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचे को समझने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनके भाषण ने कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेंट और डिज़ाइन अधिकारों सहित आईपीआर के विभिन्न पहलुओं का एक व्यापक अवलोकन प्रदान किया और रेखांकित किया कि कैसे ये अधिकार व्यक्तियों और संगठनों को उनकी अनुसंधान क्षमता को अधिकतम करने और उनके नवाचारों की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
सत्र में विभाग के सभी छात्रों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया, जिन्होंने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और डिजिटल युग में बौद्धिक संपदा के विकसित परिदृश्य में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की। व्याख्यान का समापन डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. भावना ग्रोवर (प्रदर्शन कला विभाग की प्रमुख) और डॉ. नेहा सिंह द्वारा हमारे संसाधन व्यक्ति प्रो. चौधरी को एक स्मृति चिन्ह की प्रस्तुति के साथ हुआ।
कार्यक्रम की एंकरिंग और प्रबंधन सुश्री श्रद्धा यादव और सुश्री सौम्या शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की सफलता में योगदान देने वाले संकाय सदस्यों में डॉ. विधि खंडेलवाल, डॉ. वंदना तोमर, डॉ. रशिका, सुश्री शैलजा सिंधे, सुश्री देवसुनी, सुश्री अनीशा आनंद, सुश्री शबनम, श्री अक्षय, श्री शामिल थे। धर्मराज व अन्य।
व्याख्यान एक बड़ी सफलता थी, और इसने उपस्थित लोगों को तेजी से बदलते इंटरनेट युग में बौद्धिक संपदा अधिकारों की जटिलताओं से निपटने के बारे में बहुमूल्य ज्ञान प्रदान किया। विभाग प्रोफेसर राजीव चौधरी को उनकी ज्ञानवर्धक प्रस्तुति के लिए आभार व्यक्त करता है और आशा करता है कि भविष्य में भी इस तरह के शैक्षणिक सत्रों का आयोजन जारी रहेगा।
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