सिर में चोट, ब्लड क्लॉटिंग से हुईं ज्यादा मौतें
इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनने की वजह से नसें फूलती चली गईं और मौतें होती गईं
मेरठ। जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान गिरने से हुई 10 लोगों की मौत का सच जब सामने आया तो रूह कांप उठी। हादसे में मारे गए लोगों का जब पोस्टमार्टम हुआ तो उसमें स्थिति स्पष्ट हुई। पता चला कि सबसे ज्यादा मौतें सिर में चोट लगने और सिर में ब्लड क्लॉटिंग के कारण हुईं। इसके अलावा हानिकारक गैस कार्बन डाइऑक्साइड बनने से भी लोग मौत के मुंह में जाते रहे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनने की वजह से मृतकों की नसें फूलती गईं और उनकी मौत होती रही। जिला अस्पताल के डॉ विनोद, डॉ. ज्योति और डॉ. अमित ने मिलकर सभी मृतकों का पोस्टमार्टम किया। हालांकि कुछ छोटे बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। परिजनों के अनुरोध पर 4 साल की समरीन और छह माह की रिमशा का पोस्टमार्टम नहीं किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार चूंकि मृतकों के सिर भारी पत्थरों और अन्य भारी चीजों के नीचे दब गए थे जिस कारण सिर में ब्लड सर्कुलेशन रुक गया और लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा मौत की एक और बड़ी वजह जो सामने आई है वह ह्यूमिडिटी भी है। जानकारों के अनुसार किसी भी बिल्डिंग के मलबे से कुछ हानिकारक गैसें उत्पन्न होती है। इस मलबे से भी कार्बन डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैस रिलीज हुई, इस गैस के बनने से शरीर की नसें फूलने, जिस कारण खून का दौरान (सर्कुलेशन) बंद हो जाता है। लगती हैं जो मौत का कारण बनी। अक्सर मलबे में ह्यूमिडिटी भी होती है जो दम घुटने का कारण बनती है। जाकिर कॉलोनी की घटना में भी यही सब कुछ हुआ।
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