प्रदेश के 35 जिले भूकम्प आपदा के लिए संवेदनशीलपश्चिम उत्तर प्रदेश सब एरिया में किया गया भूकंप और अग्नि सुरक्षा पर 'समन्वय' का आयोजन
मेरठ। उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भारतीय सेना के मुख्यालय मध्य कमान द्वारा पश्चिम उत्तर प्रदेश सब एरिया कैंट में प्रदेश के 35 भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील जनपदों के साथ भूकम्प एवं अग्नि सुरक्षा पर एक्सरसाइज़ 'समन्वय' का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख राजेंद्र सिंह के अभिभाषण से हुई। टेबल टॉप अभ्यास का आयोजन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम में उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्र के साथ सेना के वरिष्ठ अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। राजेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 35 जनपद भूकम्प आपदा के प्रति संवेदनशील है। भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसकी कोई प्रारंभिक चेतावनी नहीं है, परंतु हमें ऐसी परिस्थितियों के लिए अभी से तैयार रहना होगा। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने कहा कि टेबल टॉप अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सभी स्टेक होल्डर को प्रदेश में भूकंप एवं अग्नि दुर्घटना के जोखिम, संवेदनशीलता और इसके प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों के जनपद भूकम्प संवेदनशीलता के ज़ोन-04 में आते हैं।
जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्र ने बताया कि भारतीय सेना उत्तर प्रदेश में किसी आपदा की घटना होने पर पूर्ण सहयोग करेगी। टेबल टॉप अभ्यास की शुरुआत भूकम्प और अग्नि खतरों के प्रबंधन पर चर्चा से शुरू की गयी तथा वैज्ञानिक-एफ डॉ. एचएस मण्डल ने भूकंप की निगरानी, पूर्व चेतावनी के संबंध में व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में भारतीय सेना, भारतीय रेलवे, एनडीआरएफ, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण तथा राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र पूर्व चेतावनी एजेंसियों और अन्य राज्य सरकार के विभागों ने भी व्याख्यान दिया। पश्चिम उप्र सब एरिया में आपदा राहत एवं बचाव कार्य में प्रयोग होने वाले उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उपस्थित अधिकारियों द्वारा अवलोकन किया गया।
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