हर-हर महादेव से गुंज उठे शिवालय
औघड़नाथ मंदिर समेत शहर के मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, आशुतोष का किया जलाभिषेक
मेरठ। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि के अवसर पर काली पलटन स्थित औघड़नाथ मंदिर पर रिकॉर्ड भीड़ ने भगवान आशुतोष का अभिषेक किया। इस अवसर पर लाखों शिवभक्तों ने पंक्तिबद्ध होकर हरिद्वार से लाया गया पवित्र गंगाजल भगवान शिव को अर्पित किया। मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधर त्रिपाठी और पूरी मंदिर समिति की ओर से जलाभिषेक के लिए विशेष व्यवस्था की गई थीं। मुख्य पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि कई वर्षों बाद ऐसा योग बन रहा है कि शिवरात्रि पर शिव का स्वरूप पंचमुखी महादेव के समरूप दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को 3 बजकर 26 मिनट पर शिवरात्रि का जलाभिषेक शुरू हुआ। मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन ने मिलकर पूरी व्यवस्था बनाए रखी। .
200 कैमरों से रखी गई हर गतिविधि पर नजर
मेरठ।शिवरात्रि के अवसर पर प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। काली पलटन स्थित औघड़नाथ मंदिर सहित इसके आसपास विभिन्न स्थानों पर 200 विशेष सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिन्हें मंदिर परिसर की पहली मंजिल पर बनाए गए कंट्रोल रूम से सीधे जोड़ा गया था।
कोई लेट कर तो कोई एक पैर पर पहुंचा भोले के दर
.मेरठ। इसे जिज्ञासा कहें, भोले की भक्ति कहें या फिर भोले में बिल्कुल लीन हो जाना कि भोले के दर पर पहुंचने वाला हर शिव भक्त खास हो गया था। वो अपने आप में विशेष था। भोले को जल अर्पित करने के लिए कोई शिव भक्त लेटकर तो कोई एक पैर पर छलकर शिव के द्वार पहुंचा।.
पहले कांवड़ियों को मौका, फिर सामान्य श्रद्धालुओं का नंबर
जलाभिषेक के लिए औघड़नाथ मंदिर पर कांवड़ियों का रैला उमड़ पड़ा। हर कोई अपनी आस्था भगवान शिव पर अर्पित करने को आतुर था। मंदिर में ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिसके तहत भगवान शिव का अभिषेक करने के लिए पहले उन शिव भक्त कांवड़ियों को मौका दिया गया जो लंबी दूरी के थे। इस दौरान सामान्य श्रद्धालुओं से रोक दिया गया।
सुरक्षा ऐसी परिंदा भी नहीं मार सका पर
शिवरात्रि पर सुरक्षा व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया गया। काली पलटन और उसके आसपास के इलाकों में ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी कि परिंदा भी पर न मार सके। एटीएस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स और आरआरएफ हर गतिविधि पर नजर रखे हुए थे।सैन्य अधिकारी भी पूरी तरह मुस्तैद थे। मुख्य सुरक्षा घेरा एटीएस का था।
पांच बार की गई आरती
काली पलटन स्थित औघड़नाथ मंदिर में सुबह से लेकर रात तक कुल पांच बार आरती की गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष सतीश सिंघल के अनुसार शुक्रवार को सुबह 4 बजे पहली आरती हुई, इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक शुरू हो गया। इस प्रकार सुबह से लेकर शाम का कुल 5 बार आरती हुई।
गरुड़ द्वार से प्रवेश, नंदी से निकास
काली पलटन स्थित औघड़नाथ मंदिर पर उमड़ी भक्तों की भीड़ को जलाभिषेक के लिए गरुड़ द्वार से प्रवेश कराया गया, जबकि जलाभिषेक के बाद शिव भक्तों को नंदी द्वार से बाहर निकाला गया।
मंदिर समिति के 25 स्टॉल पर बंटा प्रसाद
औघड़नाथ मंदिर पर जलाभिषेक करने के लिए आने वाले शिव भक्त कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं को मंदिर समिति की ओर से प्रसाद वितरण के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। मंदिर समिति ने मंदिर के आस पास कुल 25 स्टॉल लगा कर प्रसाद वितरण किया। इसके अलावा बालाजी मंदिर मार्ग पर मेले जैसा माहौल था तथा बड़ी संख्या में दुकानें सजी हुई थीं। व्यवस्था बनाने में मंदिर समिति के 25 सदस्यों के अलावा 70 सहयोगियों ने विशेष योगदान दिया।
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