छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए - डा राकेश
जिला महिला अस्पताल में चलाया गया जागरूकता अभियान
मेरठ। विश्व स्तनपान सप्ताहके उपलक्ष्य में शनिवार को जिला महिला चिकित्सालय मेरठ में ए.एन.एम.टी.सी. की छात्राओं एवं फैकल्टी द्वारा एक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। प्रसूताओं एवं उनके तीमारदारों को इस सप्ताह का उद्देश्य स्तनपालन के फायदे एवं इसकी जरूरत के बारे में जागरूक किया गया।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. राकेश शर्मा ने बताया शिशु को छह माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए । इस दौरान बाहर की कोई चीज नहीं देनी चाहिए। मॉ के दूध के अलावा कुछ भी देने से शिशु के संक्रमित होने की पूरी संभावना रहती है । अमृत समान मॉ के अनमोल दूध में सभी पौष्टिक तत्वों के साथ पानी की भरपूर मात्रा होती है।
डा . शशि बाला ने कहा बीमारी की स्थिति में भी मॉ बच्चे को पूरी सावधानी के साथ स्तनपान कराए क्योंकि यह बच्चे को बीमारी से सुरक्षित रखता है। उन्होंने बताया कि कृत्रिम आहार या बोतले के दूध में पोषण तत्वों की मात्रा न के बराबर होती है। इससे बच्चे की पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। इससे कुपोषण की जद में आने के साथ ही संक्रमण का जोखिम बना रहता है।
डा संजीवा कुमार ने बताया नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे -5 2021-2022 के अनुसार यूपी में जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराने की दर 23.9 प्रतिशत है। छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराने की दर एनएफएच एस -5 के सर्वे में 59.7 फीसद रही। जबकि एनएफएचएस -4 के सर्वे में यह 41.6 प्रतिशत थी। वैसे इस साल की थीम "क्लोजिंग र्गेव ब्रेस्टफीडिग सपोर्ट कॉर ऑल" है। ए.एन.एम.टी.सी की छात्राओं ने स्तनपान करने की सही स्थिति का प्रदर्शन भी किया गया। इस मौके पर स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. शशि बाला वर्मा, पैथोलॉजिस्ट, डॉ. संजीव कुमार, नर्सिग अधीक्षक, राजबीर कुश्वाहा, चिकित्सालय प्रबन्धक नुपुर सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक, एवं अन्य स्टाफगण उपस्थित रहें।
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