खेत में जा रहे मजदूर की बिजली के खंभे की चपेट में आने से मौत
मोदीनगर। मोदीनगर में सुबह के समय खेत में काम करने जा रहे मजदूर की बिजली के पोल की चपेट में आने से मौत हो गई। बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप और मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। प्रशासन में दस लाख रुपए का मुआवजा और सविंदाकर्मी पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिलने का लिखित आश्वासन मिलने के बाद परिजन शांत हुए।
मुरादनगर के गांव नेकपुर निवासी भूषण कुमार(39) अपनी पत्नी बंटी और चार बच्चों के साथ रहते थे। वह खेतों में मजदूरी करके अपने परिवार का लालन-पालन करते थे। शनिवार को खेत में गन्नों को बांधने के लिए गए थे। खेत में जाते समय वह एक बिजली के खंभे की चपेट में आ गए और करंट लगने से जमीन पर गिर गए। बताया जा रहा है कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली का खंभा सीमेंट का है। लेकिन वह जर्जर हो गया है। खंभे से लोहे के तार दिख रहे थे और उनमें ही करंट उतर रहा था।बिजली के खंभे की चपेट में आकर करंट लगने से हुई भूषण कुमार की मौत के बाद सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए। उन्होंने हंगामा करना शुरु कर दिया। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक मुआवजे का एलान नहीं किया जाएगा, तब तक शव को नहीं उठने दिया जाएगा।ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर खंभों को बदलने की मांग काफी समय से की जा रही है। कई बार इसकी शिकायत भी दी गई। लेकिन कोई काम नहीं किया गया। हंगामा बढ़ने की सूचना पर थानाप्रभारी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन वह बिजली विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए।
हंगामा बढ़ने पर बिजली विभाग के उपखंड अधिकारी शंशाक अग्रवाल व अवर अभियंता अमित प्रताप सिंह अन्य कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने नियमानुसार दस लाख रुपए का मुआवजा और मृतक की पत्नी को सविंदा कर्मचारी पद नौकरी देने का लिखित में आश्वासन दिया। लिखित में आश्वासन मिलने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए।
गाजियाबाद मसूरी सर्किल एसीपी नरेश कुमार ने बताया कि एसीपी बिजली के पोल की चपेट में आकर एक युवक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक इस मामले में कोई तहरीर नहीं आई है। अगर तहरीर आती है तो रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
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