आप जीवन का लक्ष्य निश्चित करो- स्वामी अभयानदं सरस्वती 

मेरठ। राधा गोविन्द मण्डप गढ़ रोड में अयोजित  सप्तदिवसीय रामकथा के चतुर्थ दिवस  पर हरिद्वार से पधारे परम पूज्य अनन्त  विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती  ने रामचरितमानस के उत्तरकांड पर गरुड़ गीता के माध्यम से सभी श्रोताओं का मार्ग दर्शन करते हुए बताया  कठोपनिषद का मंत्र है  उतिष्ठ जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधात । यह मार्ग साधारण नहीं है, तलवार की धार पर चलने जैसा है।

 करोड़ों में कोई विरला ही चल पाता है। और बड़ी विडंबना तब होती है जब लगता है थोड़े में ही बहुत सुन लिया। ऐसा लगता है,हो गया जो होना था और जीव फंस जाता है। श्रुति भगवती कहती हैं। आप जीवन का लक्ष्य निश्चित करो। निवृति,प्राप्ति और तृप्ति। जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाय तब तक प्रयास करते रहना है। अपना अन्तःकरण ही इसका गवाह है। स्वयं से पूछो अगर कोई विक्षेप है तो समझो अभी पहुँचे नहीं। चाहे भक्ति का मार्ग हो अथवा ज्ञान का मार्ग हो जब तक जल की प्राप्ति न हो जाय तब तक कुआँ खोदते रहना है।स्थान परिवर्तन प्यासे रहने का निमंत्रण है।कथा के प्रारम्भ में मुख्य यजमान  मनोज  एवं  सुशील एवं परिवार द्वारा स्वामी का पूजन एवं स्वागत किया गया। विश्राम पर आरती एवं सभी को प्रसाद वितरित किया गया। आज इस अवसर पर मनोज गुप्ता, बबीता गुप्ता, सुशील कुमार अग्रवाल, आर के प्रसाद, गोविन्द अग्रवाल, वृंदा अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।। 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts