शोभित विवि में 21वीं सदी की शिक्षा और आवश्यक कौशलों पर विशेष सत्र का आयोजन
मेरठ ।शोभित विश्वविद्यालय, के परिसर में आयोजित एक विशेष सत्र में, 21वीं सदी की शिक्षा और आवश्यक कौशलों पर व्यापक चर्चा की गई। इस सत्र के मुख्य अतिथि, प्रोफेसर डॉ. एस. पी. पांडेय, एडवाइजर, विश्वेश्वरैया ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन, और पूर्व कुलपति, यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, रुड़की ने आधुनिक युग में सफलता के लिए आवश्यक कौशलों के विकास पर विशेष जोर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वी के त्यागी ने मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह एवं पटका भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि 21वीं सदी में शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को ही आलोचनात्मक सोच, सृजनात्मकता, संचार, अनुकूलनशीलता, और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे कौशलों को विकसित करना आवश्यक है। ये कौशल न केवल उन्हें वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएंगे, बल्कि भविष्य में भी उन्हें सफलता के मार्ग पर अग्रसर करेंगे।
इसके साथ ही, शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर डॉ. वी. के. त्यागी ने 21वीं सदी में शिक्षण और सीखने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज के शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य केवल ज्ञान का प्रसार करना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को उन कौशलों से सुसज्जित करना है, जो उन्हें भविष्य के जटिल समस्याओं को हल करने और नये अवसरों का सृजन करने में सक्षम बनाएं। प्रोफेसर त्यागी ने इस बात पर भी जोर दिया कि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ वे कौशल भी विकसित करने चाहिए, जो उन्हें तेजी से बदलते कार्यक्षेत्र में सफल बना सकें।
प्रोफेसर डॉ. निधि त्यागी ने विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ, आईआईसी छात्रों और शिक्षकों को 21वीं सदी के आवश्यक कौशलों जैसे कि अंतरविषयक सोच, टीम वर्क, और डिजिटल कौशलों को विकसित करने में भी सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि ये उपलब्धियाँ न केवल विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य को भी उज्ज्वल बनाने में सहायक हैं।
डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार गुप्ता ने भी 21वीं सदी के कौशलों के महत्व पर जोर दिया और छात्रों को इस दिशा में अपने कौशल को उन्नत करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आज के तेजी से बदलते युग में, छात्रों को तकनीकी कौशलों के साथ-साथ सृजनात्मकता और नवाचार को भी अपनाना होगा ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सकें।
इस सत्र को छात्र छात्राओं ने अत्यधिक प्रेरणादायक और उपयोगी पाया। कार्यक्रम का आयोजन शोभित विश्वविद्यालय द्वारा किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी वक्ताओं के विचारों को विद्यार्थियों और शिक्षकों ने बहुत सराहा और इससे उन्हें अपनी शिक्षा और करियर के लिए नई दिशा मिली।
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