सुप्रीमकोर्ट के फैसले के खिलाफ 21 अगस्त को भारंत बंद
हैशटैग के साथ 15.4 हजार पोस्ट्स एक्स पर डाले गए
नयी दिल्ली,एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 1 अगस्त को राज्यों को एससीएसटी समूहों के भीतर उप श्रेणियां बनाने की अनुमति के दिए गये फैसले के खिलाफ आगामी 21 अगस्त को आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद का आह्वान किया है। इस समय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बुधवार, 21 अगस्त 2024 को भारत बंद की चर्चा जोरों पर है। हैशटैग '#21_अगस्त_भारत_बंद' इस समय ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ 15.4 हजार पोस्ट्स एक्स पर डाले गए हैं।
बतादें सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। उन्होंने राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी, जिसमें कहा गया, "जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।" इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ दी है और भारत बंद का आह्वान किया है।बंद के दौरान संभावित हिंसा के मद्देनजर शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारी के लिए बैठक की। इस बैठक में सभी संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को 21 अगस्त को होने वाले प्रदर्शनों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील माना गया है, जिसके चलते वहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं।
भारत बंद के पीछे का कारण
इस भारत बंद का मुख्य उद्देश्य आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे पलटने की मांग करना है। इस बंद को विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिलने की उम्मीद है। विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अदालत के अन्यायपूर्ण फैसले को उजागर करना है।क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम तेज हो गई है। इस आंदोलन के तहत बहुजन संगठनों ने भारत बंद में शामिल होने का ऐलान किया है।
आगामी भारत बंद का उद्देश्य प्रदर्शनकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है कि हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अनुचित है। जैसे-जैसे तैयारियां तेज होती जा रही हैं, अधिकारी प्रदर्शनों के दौरान व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इस साल भारत बंद का यह पहला मौका नहीं है। फरवरी 2024 में किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर 16 फरवरी को बंद का आयोजन किया था। हालांकि, इसका भारत के अधिकांश हिस्सों पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन पंजाब और हरियाणा में किसानों के आंदोलन के कारण व्यवधान देखने को मिला।
भारत बंद में क्या खुला रहेगा?
ऐसे बंद के दौरान, एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहती हैं। अस्पताल और चिकित्सा सेवाएं भी सामान्य रूप से काम करती रहती हैं। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन आमतौर पर बंद रहता है, और निजी कार्यालय अक्सर अपने दरवाज़े बंद कर देते है।
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