चौधरी बिजेंद्र सिंह ने छोड़ी बसपा 

 लोकदल छोड़कर बसपा का थामा था दामन , एनडीए में जाने की चर्चा 

मेरठ। बिजनौर लोकसभा सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे चौधरी विजेंद्र सिंह ने शुक्रवार को बसपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने सभी पदों से इस्तीफा भी बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती को भेज दिया है।  इस्तीफा देने के कारण अभी सामने नहीं आ रहे हैं। वहीं इस्तीफा देने के बाद बिजेंद्र सिंह ने अपने फोन भी बंद कर दिए हैं।

बिजेन्द्र के इस कदम से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा करके राजनैतिक जगत में भूचाल ला दिया है। इसके पीछे इन्होंने अपने कुछ निजी कारण बताए हैं। साथ ही कहा है कि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने उनको बिजनौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया जिसको लेकर वह सदैव उनके आभारी रहेंगे।

 बता दें चौधरी विजेंद्र सिंह लगातार किसान मजदूर और दलितों की आवाज को बुलंद करते चले आ रहे है, व स्व: चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिलाने में इनका विशेष योगदान रहा। इस सम्बन्ध में चौधरी विजेन्द्र सिंह ने बातचीत में बताया कि शीघ्र ही अपने समर्थकों के साथ बातचीत करके अगला कदम उठाएगे। चौधरी विजेंद्र सिंह ने अभी तक किसी अन्य पार्टी में जाने का खुलासा नहीं किया है।

बिजनौर लोकसभा सीट पर एनडीए गठबंधन में रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान जीते हैं। चंदन चौहान अभी मीरापुर सीट से रालोद के विधायक थे। लेकिन सांसद बनने के बाद मीरापुर सीट छोड़ दी है। वहां उपचुनाव होना है। ऐसे में बिजेंद्र सिंह अब मीरापुर सीट पर विधायकी के टिकट के लिए जोर लगा रहे हैं। चूंकि एक चुनाव बसपा से हार चुके हैं इसलिए बसपा में टिकट की संभावनाएं नहीं बन रही थीं। ऐसे में अपने लिए सही मैदान की तलाश में लगे बिजेंद्र सिंह के इंडिया गठबंधन में जाने की चर्चाएं हैं।

मीरापुर सीट पर रालोद का सिटिंग विधायक चंदन चौहान थे। ऐसे में रालोद दोबारा इस सीट पर अपनी दावेदारी जताने की तैयारी कर चुकी है। रालोद यहां से बिजनौर के पूर्व सांसद और बसपा नेता रहे मलूक नागर के परिवार से उनकी पत्नी या भाई को चुनाव लड़ा सकती है। मलूक नागर लोकसभा चुनाव के वक्त बसपा छोड़ रालोद में इसी शर्त पर आए थे। हालांकि रालोद ने उन्हें राजस्थान का प्रभारी बना दिया है। लेकिन उनके परिवार से कोई सदस्य इस सीट पर चुनाव लड़ सकता है। उधर भाजपा भी गठबंधन में इस सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी में हैं। सीट रालोद या भाजपा किसे मिलेगी ये चर्चा का विषय बना हुआ है। दोनों ही दलों में मीरापुर को लेकर मामला उलझा हुआ है।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts