कैंट के वोटरों की बदौलत अरूण गोविल की लगी नैया पार
साइकिल पर सवार सुनीता वर्मा शुरू सें आखिर तक मचाती रही खलबली
मेरठ। मेरठ हापुड़ लोकसभा चुनाव में कैंट विधानसभा के वोटरों ने भाजपा के अरुण गोविल को गजब का सपोर्ट किया और 'संकटमोचक' बनकर हमेशा की तरह भाजपा के लिए जीत का आधार तय किया। यही वजह रही कि जब जब मेरठ कैंट विधानसभा की ईवीएम खुली, भाजपा की परेशानी कम करती दिखी। भाजपा को यहां 1,61,892 वोट हासिल हुई तो सपा प्रत्याशी को 65,779 वोट।
इस सीट के अंतर्गत हापुड़, किठौर, मेरठ दक्षिण, मेरठ शहर और मेरठ कैंट विधानसभा आती है। कैंट क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है और भाजपा को जिताने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका भी यहां के वोटर ने निभाई है। अगर मेरठ कैंट के पिछले चार विधानसभा चुनाव की बात करें तो लगातार तीन बार भाजपा के सत्यप्रकाश अग्रवाल लगातार तीन बार विधायक बने तो 2022 में अमित अग्रवाल ने जीत हासिल की थी। यानि यहां के वोटर बड़ी शिद्दत के साथ अपने प्रत्याशी को जिताते आए हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में भी अरुण गोविल को कैंट विधानसभा के वोटर ने जीत की नींव रखी।
साइकिल चलने से मची खलबली
कैंट के अलावा भाजपा के लिए किठौर से भी सपोर्ट मिला। इसके बावजूद सपा गठबंधन प्रत्याशी सुनीता वर्मा ने भाजपाइयों की पूरे समय नींद उड़ाए रखी। पहले राउंड से लेकर आखिर तक साइकिल अपनी चाल चलती रही तो भाजपाइयों में खलबली मची रही। यही वजह रही कि 11 लाख से ज्यादा वोट की गिनती के बावजूद स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। सुनीता वर्मा को मुस्लिम और दलित वोट एकतरफा मिलने से लगातार फायदा पहुंचता रहा, लेकिन जब कैंट विधानसभा की ईवीएम खुली तो अरुण गोविल की जीत का आधार मजबूत होता चला गया।
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