पलटवार - 

अंहकार ही संजीव बालियान को ले  डूबा ,जनता के बीच जाते हो हार को बचा सकते थे -संगीत सोम

संजीव बालियान सरधना विधानसभा क्षेत्र से जीते है,अपने घर में मिली हार

मेरठ। लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर हार का सामना करने वाले भाजपा के प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर सरधना से भाजपा के पूर्व विधायक संगीत सोम पर गंभीर आरोप लगाने के बाद मंगलवार को पूर्व विधायक संगीत सोम ने मेरठ कैंट स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित कर आरोपों का पलटवार करते  हुए कहा- मुझे ऐसे संस्कार नहीं मिले कि मैं जयचंद बनूं। संजीव बालियान अपने अहंकार की वजह से हारे हैं। क्योंकि, उन्होंने 5 सालों में सिर्फ भ्रष्टाचार किया। जनता उनसे परेशान थी।मुजफ्फरनगर में चुनाव हारने के बाद संजीव बालियान ने सोमवार को मीडिया से बात की थी। इसमें उन्होंने संगीत सोम से जुड़े सवाल पर कहा था कि शिखंडी ने छिपकर वार किया। जयचंदों का कुछ नहीं हो सकता है।

          पूर्व विधायक संगीत सोम ने कहा मुझे समुद्र के किनारे घर बनाने का शौक है,मैं पत्थर हूं किनारे पर ही मेरा ठिकाना है। कहा- भाजपा सरधना विधानसभा क्षेत्र से जीती है, लेकिन संजीव बालियान बुढ़ाना और चरथावल में हार गए। वो हमारे भाई हैं, मगर आरोप लगाने से पहले डॉ. संजीव बालियान को अपनी हार की समीक्षा करनी चाहिए। उनके क्षेत्र में उन्हें क्यों कम वोट मिले हैं। कहा कि संजीव कुमार बालियान वरिष्ठ भाजपा के कार्यकर्ता हैं, उन्हें ऐसी बयानबाजी से बचना चाहिए।उन्होंने कहा- उनके मन में कोई बात है तो उसे पार्टी फोरम में रखें न कि इस तरह मीडिया के सामने आएं। मुझे मीडिया के सामने इसलिए आना पड़ा, क्योंकि उन्होंने मेरा नाम लेकर बयान दिए। मैं बड़ा नेता नहीं, भाजपा का कार्यकर्ता हूं। मुझे सरधना की जिम्मेदारी मिली थी उसे मैंने अच्छे से निभाया। मैं हाईकमान से यही कहना चाहूंगा कि पूरे मामले की जांच करवा लेनी चाहिए।कहा कि सपा के शासनकाल में उन पर तमाम मुकदमे दर्ज किए और उन्हें जेल भी भेजा गया, ऐसे में वह कैसे सपा का साथ दे सकते हैं।संगीत बोले- मैं इतना बड़ा नेता नहीं कि घर बैठकर किसी को हरवा दूं।उन्होंने कहा- संगीत सोम विनाश की राजनीति करते हैं, मैं बता दूं कि विनाश की राजनीति नहीं करता हूं। विकास की राजनीति करता हूं। उसी का नतीजा है कि हारने के बाद भी 2012 में डेढ़ गुना वोट मिले। 2017 में जितने वोट मुझे मिले, 2022 में उससे 10 हजार वोट ज्यादा मिले। अगर मैं विनाश की राजनीति करता तो मेरा वोट ग्राफ बढ़ता नहीं।

मैं 2022 में चुनाव हारा था। कारण जो भी रहे। मैंने पार्टी को अपनी बात बताई। पार्टी ने जांच की होगी। मैंने कभी हार का जिक्र मीडिया के सामने नहीं किया। मैं संजीव बालियान को भी यही सलाह देना चाहता हूं कि घर की लड़ाई को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। मैंने इतनी मेहनत की, हमने हर गांव में चुनाव जीतने के लिए काम किए। मैं पार्टी के लिए मेहनत करता हूं, वो हमेशा करता रहूंगा।

मीडिया ने उनसे पूछा कि संजीव कह रहे कि आप सुरक्षा सुविधाओं का फायदा ले रहे हैं। संगीत सोम ने कहा- सुरक्षा कोई सुविधा नहीं होती है। वो तो विपक्ष के नेताओं को मिलती है। ठाकुरों की नाराजगी पर उन्होंने कहा- विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हम विधानसभा चुनाव नहीं हारे। वो हमें मिला है।

उन्होंने कहा- दुश्मनी किसी से नहीं करता। सपा के हरेंद्र मलिक भी मिलेंगे तो हाथ मिला लूंगा। मेरी सबसे दोस्ती है। रहा सवाल हार का तो उसके पीछे हिंदू वोटर्स का किसी कारण वश कम निकलना और बंट जाना, हार का बड़ा कारण है।

संगीत सोम की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रेस नोट बांटा गया। बाद में संगीत ने कहा- ये प्रेस नोट हमारे नहीं हैं। जिस किसी ने बंटवाए हैं। उनका पता लगाया जाएगा। मैं मुकदमा करवाऊंगा। प्रेस नोट में बालियान पर करप्शन के आरोप लगाए गए थे।

बता दें इस चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट पर भाजपा उम्मीदवार संजीव बालियान और सपा के उम्मीदवार हरेंद्र सिंह के बीच सियासी मुकाबला था। सपा नेता बाजी मार गए, हरेंद्र ने 24 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। सपा नेता हरेंद्र सिंह मलिक को 4.70 लाख वोट मिले, वहीं संजीव बालियान को 4.46 लाख वोट मिले थे।

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