दागदार आचरण
 इलमा अजीम 
पूर्व प्रधानमंत्री देवे गौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना जेल भेज दिए गए। यह बेहद शर्मनाक है। एक जनप्रतिनिधि के ऐसे आचरण की जितनी ही निंदा की जाए वह कम है। एक समय था कि जब लोग देश के नेताओं के सार्वजनिक जीवन में आचरण का अनुसरण करते थे। लेकिन अब राजनीति में कई क्षत्रप परिवारों के ऐसा नेता भी सामने आए हैं जिन्होंने सत्तामद में चूर होकर तमाम नैतिकताओं व मर्यादाओं को ताक पर रख दिया। इस कड़ी में कर्नाटक में हासन सीट से जनता दल (सेक्यूलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना सबसे ऊपर हैं। उनपर सैकड़ों महिलाओं के साथ दुराचार के जो गंभीर आरोप लगे, उसने राजनीति में पतन की पराकाष्ठा को दर्शाया है। आरोपी सांसद का दुस्साहस देखिए कि वह मतदान के दिन तक चुनाव क्षेत्र में रहा और फिर जर्मनी भाग गया। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पौत्र और पूर्वमंत्री एचडी रेवन्ना के पुत्र प्रज्वल के यौन उत्पीड़न व दुराचार दर्शाते करीब तीन हजार वीडियो सार्वजनिक हुए। चुनाव प्रचार के दौरान वीडियो पेन ड्राइव के जरिये बांटे जाते रहे। सवाल भाजपा नेतृत्व पर भी है कि हकीकत से वाकिफ होने के बावजूद क्यों प्रज्वल रेवन्ना को गठबंधन के सहयोगी कोटे से टिकट दिया गया? जब राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो एक साल पहले जानकारी होने के बावजूद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? बहरहल हालत जो भी हो, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य व सांसद ने जो कुकृत्य किये हैं, उससे भारतीय लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।  सवाल स्वाभाविक है कि जनता दल (एस) ने अश्लील वीडियो मामले में प्रज्वल को पार्टी से निलंबित करने में इतनी देर क्यों की? निस्संदेह, ऐसे यौन कुंठित जनप्रतिनिधि का चुना जाना लोकतंत्र के दामन पर एक दाग सरीखा है। 

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