9 घंटे के बाद रेसक्यू आपरेशन के बाद पकड़ा जा सका तेंदूआ 

5 घंटे तक बिना कुंडी का दरवाजा पकड़कर बैठे रहे कमरें में फंसे लोग 
मेरठ।  मवाना रोड के कसेरूखेडा क्षेत्र में रिहायशी इलाकें में घुसे तेंदुए को वन विभाग की टीम में आखिरकार 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बंद पकड़ ही लिया। आखिरकार शाम 6 बजे वन विभाग की टीम उसे पकड़कर पिंजरे में बंद कर पाई।तेंदूए के पकड़े जाने के बाद क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। वही डीएफओ  राजेश कुमार के निर्देश में पकड़े गये तेंदुए को उत्तराखंड के जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है। 

शनिवार सुबह साढ़े 9 बजे एक घर में तेंदुआ घुस गया। जिस कमरें में तेंदुआ घुसा उसके बगल के कमरे में 5 लोग बंद थे। इनमें 2 बच्चे भी शामिल थे। जिस कमरे में पांचों लोग थे, उसके दरवाजे में कुंडी नहीं थी। खुद को बचाने के लिए लोग हाथ से दरवाजा बंद किए रहे। जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम डा आर सिंह के नेतृत्व में कसेरूखेडा पहुंची। वही एतियात के तौर पर लालकुर्ती पुलिस को बुला लिया गया। 
तेंदुए को जिंदा पकडने के लिए रणनीति बनाई गयी। उसे पकडने के लिए पिंजरा व जाल लगाया गया ।वन विभाग ने तेंदुए को कमरे से बाहर निकालने के लिए एक मुर्गा मंगाया है। मुर्गे को कमरे के बाहर छत से फेंका गया, ताकि तेंदुआ मुर्गे के लालच में बाहर आए और जाल में फंस जाए। मगर, फिर भी तेंदुआ बाहर नहीं आया ।
इसके बाद वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज किया। मगर, इसी दौरान तेंदुआ घर के अंदर रखी एक कुर्सी में फंस गया। वन विभाग और पुलिस की टीम अंदर जाकर कुर्सी सहित बेहोश तेंदुए को बाहर निकालकर लाई। फिर उसे पिंजरे में बंद किया। तेंदुआ पकड़े जाने पर स्थानीय लोगों ने सीटियां और ताली बजाकर खुशी मनाई।

लोगों ने छत पर तेंदूए को घुमता देख दी वन विभाग की सूचना 
कसेरुबक्सर इलाके में शनिवार सुबह 9 करीब बजे थे। अचानक लोगों ने तेंदुए को घरों की छतों पर घूमते देखा। यह देख कर लोग घबरा गए। उन्होंने फौरन वन विभाग और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद लालकुर्ती थाना पुलिस मौके पर पहुंची। थोड़ी देर बाद वन विभाग की टीम भी पहुंच गई।टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया, मगर वह पकड़ में नहीं आया। तेंदुआ छतों पर दौड़ते हुए आगे निकल गया। इसके बाद वन विभाग के कर्मचारी छत पर चढ़ गए और पब्लिक को जाल पकड़ा कर नीचे खड़ा कर दिया।

तेंदुए ने युवक पर किया हमला
इसके बाद भी तेंदुआ पकड़ में नहीं आया, बल्कि उसने एक युवक के सिर पर हमला कर दिया। इसके बाद वह छत के रास्ते एक मकान में घुस गया। इसी बीच एक ग्रामीण ने उस घर का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। 
उधर, जिस मकान में तेंदुआ घुसा, उसमें ललित अपनी मां सुशीला, पत्नी मंजू, बेटे मिंकू (11) और 10 साल की बेटी के साथ रहता है।उसका बेटा बीमार चल रहा है। ललित मजदूरी करता है। ललित ने तेंदुए को देखा, तो उसके होश उड़ गए। उसने आनन-फानन में सभी को घर के एक कमरे में बंद कर दिया। मगर जिस कमरे में पांचों लोग बंद हुए, उसमें कुंडी नहीं थी। सभी हाथों से जोर लगाकर दरवाजा बंद कर बैठे रहे।

 तेंदुए की दहशत की वजह से ललित के बेटे मिंकू की तबीयत बिगड़ी
 तेंदुए की दहशत की वजह से ललित के बेटे मिंकू की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद परिवार वाले चीखने-चिल्लाने लगे। रो-रो कर बचाने की गुहार लगाने लगे। इसके बाद वन विभाग के अफसरों ने दीवार तोड़ने के लिए राजमिस्त्री को बुलाया। राजमिस्त्री ने 1 घंटे में छेनी-हथौड़ी से दीवार में एक बड़ा-सा होल किया। इसके बाद वन विभाग की टीम अंदर घुसी। घर में मौजूद लोगों को पानी की बोतल दी। फिर परिवार वालों को घर के बाहर लेकर आई। गांव वालों ने बताया कि सुबह से अब तक तेंदुआ 3-4 लोगों पर हमला कर चुका है। उन्हें हल्की चोटें भी आई हैं।
 डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कसेरूखेडा में आबादी में आए तेंदूए को रेसक्यू आपरेशन के बाद पकड‍़ लिया है। पकडे़ गये तेंदुए को उत्तराखंड में भेजने की तैयारी की जा रही है। 


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