टिकट नामाकंन के बाद लखनऊ बुलाए अतुल प्रधान
देर रात तक टिकट की स्थिति साफ हो सकती है
मेरठ।मुरादाबाद के बाद अब मेरठ में समाजवादी पार्टी के टिकट पर घमासान मचा हुआ है। पिछले 20 दिनों से टिकट की दावेदारी को लेकर छिड़ी लड़ाई नामांकन का एक दिन बचने पर भी जारी है। सपा ने मेरठ में पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील दलित चेहरा भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया था। कैंडिडेट की घोषणा के साथ ही भानु प्रताप का जबरदस्त विरोध शुरू हो गया था। टिकट के दावेदार स्थानीय नेताओं ने अपनी गोटियां सेट करने के लिए भानु प्रताप का पत्ता साफ करा दिया। बुधवार को सपा से विधायक अतुल प्रधान ने नामाकंन कराया उसके बाद उन्हें लखनऊ बुला लिया गया है। देर रात को स्थिति साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बड़ी उहापोह और 10 बैठकें होने के बाद अखिलेश यादव ने मेरठ से सरधना विधायक अतुल प्रधान को टिकट दे दिया। बुधवार को अतुल प्रधान ने नामांकन भी दाखिल कर दिया। नामांकन पत्र जमा होने के बाद अब अतुल प्रधान का टिकट कटने की चर्चा हो रही है।इस बीच अखिलेश यादव ने एक बार फिर टिकट के दावेदारों को लखनऊ तलब किया है। चर्चा है कि पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी और पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को टिकट दिया जा रहा है। सपा विधायक का टिकट खटाई में पड़ता दिख रहा है।
ये है दावेदार किठौर विधायक शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी, सरधना विधायक अतुल प्रधान, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, नीरजपाल, आदिल चौधरी, अकील मुर्तजा का नाम भी शामिल थे लेकिन भानु प्रताप को टिकट दे दिया गया। जिसका पार्टी में विरोध आरंभ हो गया।
भानु प्रताप जब पहली बार मेरठ पहुंचे तो उनसे मिलने भी कोई स्थानीय नेता नहीं पहुंचे। सपा कार्यालय में हुई प्रत्याशी परिचय बैठक में जिलाध्यक्ष से हटकर बड़ा नेता कोई नहीं था। इस रवैय्ये और कैंडिडेट का विरोध देखते हुए अखिलेश यादव ने मेरठ सीट पर भानु प्रताप का टिकट काट दिया। दस दिनों तक इस बात पर विचार होता रहा है कि दलित का टिकट काटने पर किसे टिकट दें जो मजबूती से चुनाव लड़े। मजबूती से योगेश वर्मा और अतुल प्रधान का नाम सामने आया। अतुल प्रधान सिटिंग एमएलए होने और पत्नी के मेयर चुनाव लड़ने के कारण अखिलेश अतुल को टिकट नहीं देना चाहते थे। योगेश का टिकट लगभग फाइनल हो गया। लेकिन तभी विरोधियों ने योगेश वर्मा से जुड़े विवाद और मुकदमों की बात कहते हुए कहा कि योगेश का टिकट होते ही इन पर एक्शन हो जाएगा और टिकट बेकार जाएगा। योगेश के स्थान पर पत्नी सुनीता वर्मा के टिकट दिए जाना फाइनल हो गया।
दिल्ली में बना अतुल के टिकट का माहौल
लेकिन दिल्ली में हुई इंडी गठबंधान की रैली वाले दिन अतुल प्रधान लखनऊ से अखिलेश के पीछे दिल्ली चले गए। उधर अतुल ने पैरवी के लिए मेरठ से अपनी बिरादरी के लोगों, समर्थकों को दिल्ली बुला लिया। जहां समर्थकों ने अतुल की जमकर पैरवी कर दी। इसके बाद अखिलेश ने अतुल प्रधान के नाम की घोषणा कर दी। अतुल का नाम घोषित होने के बाद भी उसे सिंबल नहीं मिला। सिंबल न मिलने पर मामला फंस गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात अतुल प्रधान लखनऊ से पार्टी सिंबल लाए और बुधवार को पर्चा दाखिल किया।
लखनऊ में देर रात हो सकता है फैसला
उधर टिकट के दावेदार लखनऊ में ही डेरा डाले रहे। वहां उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात करते हुए मेरठ का टिकट बदलने का जिक्र किया। बुधवार सुबह से अतुल प्रधान का टिकट कटने की चर्चाएं चलती रहीं। बुधवार शाम अतुल प्रधान को लखनऊ से बुलावा आया है। योगेश वर्मा, नीरजपाल वहां पहले से मौजूद है। बताया जा रहा है कि अखिलेश ने अतुल को फौरन मीटिंग के लिए लखनऊ बुलाया है। वहां कुछ भी फैसला हो सकता है।
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