लोकसभा चुनाव से पूर्व सपा को लगा झटका 

पूर्व विधायक गोपाल काली  साइकिल छोड‍़ थाम नल 

 मेरठ। सोमवार को समाजवाद पार्टी को उस झटका लगा जब हस्तिनापुर सीट से पूर्व विधायक गोपाल काली ने सपा से नाता तोड़कर रोलोद का दामन थाम लिया। राष्ट्रीय लोकदल के पार्टी के दिल्ली कार्यालय में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई । बता दें अभी 5 दिन पहले आप नेता और मेयर प्रत्याशी रही ऋचा सिंह ने आम आदमी पार्टी छोड़कर रालोद ज्वाइन की थी। अब पूर्व विधायक गोपाल काली सपा छोड़कर रालोद में आ गए हैं।

 रालोद में आने से पूर्व गोपाल काली हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से 1991 में भाजपा के विधायक रह चुके हैं। हस्तिनापुर एससी रिजर्व सीट है। इस सीट पर गोपाल काली भाजपा के टिकट पर विधायक रहे चुके हैं। भाजपा ने पिछले चुनावों में गोपाल काली का टिकट काटकर दिनेश खटीक को दे दिया था। इसके बाद से ही गोपाल काली पार्टी से नाराज चल रहे थे। 2022 चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज गोपाल काली ने भाजपा छोड़ सपा ज्वाइन कर ली थी।2017 विधानसभा चुनाव के दौरान की है जब भाजपा ने गोपाल काली की जगह दिनेश खटीक को हस्तिनापुर सीट से टिकट दिया, नाराज गोपाल काली ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए किया नामांकन, बाद में दिनेश खटीक के समर्थन में नाम वापस कर लिया।2017 विधानसभा चुनाव के दौरान की है जब भाजपा ने गोपाल काली की जगह दिनेश खटीक को हस्तिनापुर सीट से टिकट दिया, नाराज गोपाल काली ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए किया नामांकन, बाद में दिनेश खटीक के समर्थन में नाम वापस कर लिया।दिनेश खटीक के राज्यमंत्री बनने पर गोपाल काली ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया था। दिनेश खटीक पर खादर में जमीन कब्जाने से लेकर कई आरोप लगाए थे। सोशल मीडिया लाइव और पोस्ट के जरिए दिनेश खटीक के खिलाफ पर निशाना साधा था। गोपाल काली ने कहा था कि 1991 में विधानसभा और 1994 में उपचुनाव में भाजपा ने घर से बुलाकर मुझे चुनाव लड़वाया। मायावती, मुलायम सिंह की सरकार में उसके साझा उम्मीदवार को मैंने कार्यकर्ताओं के दम पर हराया था। लेकिन अब कुछ लोगों ने भाजपा को हाईजैक कर लिया है।






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