कृत्रिम बुद्धिमत्ता खाद्य और पेय उद्योग में क्रांति ला रही : डॉ आलोक शर्मा

एआई की मदद से पहाड़ों या उच्च ऊंचाई पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने पर हुआ मंथन

-डीआरडीओ द्वारा एमआईईटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

मेरठ। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) द्वारा एमआईईटी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसका विषय पहाड़ों या उच्च ऊंचाई पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई) की मदद से स्मार्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना रहा। सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. विभु साहनी प्रोफेसर लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज, डॉ. मुथु सिंगाराम सीईओ इनक्यूबेशन आईआईटी मद्रास, डॉ. संजीव कुमार डीन एकेडमिक एमआईईटी, डॉ. नीरज कांत शर्मा प्रिंसिपल फार्मेसी एमआईटी,डॉ. गरिमा गर्ग प्रिंसिपल फार्मेसी एमआईईटी, डा.विपिन गर्ग, डा.अनुराग एवं डा.आलोक शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस दौरान फार्मेसी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग के शिक्षकों को रिसर्च पेपर, पेटेंट, प्रोजेक्ट, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर आदि कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय सम्मेलन में 200 से अधिक पंजीकरण हुए। 75 से अधिक शोधार्थियों ने शोध पत्र भेजे।जिनमे से प्रथम दिन 40 शोधपत्रों को पर व्याखान हुआ।

डॉ. विभु साहनी ने कहा कि विद्यार्थियों को खाद्य पदार्थों में नवाचार की जरूरत है। हमारे सैनिक ऊंचाई पर देश की रक्षा करते हैं। यदि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से वहां पौष्टिक और ताजा भोजन उपलब्ध कराया जा सके तो यह राष्ट्रहित में होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने,गुणवत्ता, परिवहन और भंडारण में सुधार करने में मदद करेगा। इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विभिन्न विभागों में काम करने की जरूरत है न कि इसे सिर्फ कंप्यूटर तक सीमित रखने की। फार्मेसी, हेल्थकेयर, फूड और सर्जरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लें।

सेशन चेयर में डॉ सुरेश चंद्रा, डॉ राजेश अग्रवाल, डॉ अमित बालियान ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ाने पर व्याख्यान दिया। कोऑर्डिनेटर डॉ आलोक शर्मा ने बताया कि 1966 में हरित क्रांति आई थी। अब खाद्य पदार्थों में एआई क्रांति का दौर है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता खाद्य और पेय उद्योग में क्रांति ला रही है।

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