जिला एमएमजी चिकित्सालय में जन्मजात विकृति जागरूकता दिवस मनाया गया

जन्मजात विकृति क्लब फुट से आठ सौ में से एक बच्चा प्रभावित होता है

स्वयंसेवी संस्था अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग कर रही क्लब फुट पर काम

समय पर उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकता है क्लब फुट : डा. रविंद्र राणा


गाजियाबाद, 12 मार्च, 2024
जिला एमएमजी चिकित्सालय में अनुष्का फाउंडेशन ने मंगलवार को जन्मजात विकृति जागरूकता दिवस मनाया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. मनोज चतुर्वेदीवरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र राणाटेक्नीशियन पंकज नागरडीईआईसी प्रबंधक विकास कुमार और अनुष्का फाउंडेशन से प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव प्रीति खंडूरी उपस्थित रहीं। इस मौके पर जन्म जात विकृतियों के बारे में बताया गया और चिकित्सकीय प्रबंधन की भी जानकारी दी गई।



डीईआईसी प्रबंधक विकास कुमार ने बताया - जन्म दोषजन्म के समय मौजूद संरचनात्मक परिवर्तन हैं जो हृदयमस्तिष्क और पैर जैसे शरीर के  किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। जन्म जात दोष शरीर के दिखने या काम करने के तरीके या दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। क्लबफुट भी एक ऐसी ही जन्मजात विकृति हैजिससे कि हर 800 नवजात में से एक बच्चा प्रभावित होता है। देश में हर साल 33,000 बच्चे इस विकृति के साथ पैदा होते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत क्लब फुट जैसी 42 जन्मजात बीमारी एवं दोषों की स्क्रीनिंग की जाती है ताकि जल्द से जल्द उचित एवं निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा सके। 

स्वयंसेवी संस्था “अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट” पिछले पांच साल से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ काम कर रही है। क्लबफुट को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा प्राथमिकता दी गई है। वर्तमान में अलग-अलग जनपदों में क्लबफुट से पीड़ित 13000 से भी अधिक बच्चों का इलाज यह संस्था करा रही है। पोन्सेटी पद्धति का इस्तेमाल करके क्लब फुट से पीड़ित सभी बच्चों का आसानी से उपचार किया जा सकता है। पोन्सेटी विधि एक न्यूनतम लागत की सर्वोत्तम प्रक्रिया है और पूर्ण रूप से प्रभावी समाधान प्रदान करती है। क्लबफुट का यदि सही समय पर उपचार न कराया जाए तो बच्चा जीवन भर के लिए दिव्यांग हो सकता है। इलाज न किए जाने पर प्रभावित बच्चों में भेदभावउपेक्षामानसिक स्वास्थ्य समस्याएंअशिक्षाशारीरिक एवं यौन शोषण का खतरा अधिक बढ़ जाता है। 

डा. रविंद्र राणा ने बताया - क्लब फुट क्यों होता है इसका कोई विशिष्ट कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। इस समस्या में मां अथवा पिता का कोई हाथ नहीं है और यह विकृति न ग्रहण की वजह से होती है और न ही माँ से बच्चे को फैलती है। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अनुष्का फाउंडेशन देश के कुल 140 जिलों में क्लबफुट का इलाज उपलब्ध करा रहा है।

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