यूपी पुलिस पेपर लीक प्रकरण 

11 दिन पहले ही पेपर लीक कराने के लिए चार शहरों से अहदाबाद पहुंचे थे आरोपी 

 होटल में बैठकर पूरी प्लानिंग रची गयी थी। एसटीएफ पूरा सीन समझने के लिए अहमदाबाद होगी रवाना 

  मेरठ। फरवरी माह में यूपी पुलिस भर्ती के लीक हुए पेपर में नये -नये खुलासे सामने आ रहे है। एक चौकाने वाला सच अब सामने आया है। पेपर से ठीक 11  दिन पहले चार शहरों  यूपी, भोपाल, मुबंई व पटना से आरोपी अहमदाबाद पहुंचे। जहां एक होटल में पेपर को लीक कराने की पूरी साजिश रची गयी। पकड़े चारों आरोपियों में एक एमबीबीएस डाक्टर है। उसे सील्ड बॉक्स तोड़ने के लिए खासतौर पर पटना से अहमदाबाद बुलाया गया था।

यूपी पुलिस का पेपर आउट करने वाले गैंग को छपाई केंद्र और ट्रांसपोर्ट कंपनी के बारे में पूरी खबर थी। ये गैंग उत्तर प्रदेश से गुजरात तक फैला था। परीक्षा से 11 दिन पहले ही पेपर लीक करने के लिए एक आरोपी मुंबई, दूसरा उत्तर प्रदेश, तीसरा भोपाल और चौथा पटना से अहमदाबाद पहुंच गया था। प्रेस के पास एक होटल में बैठकर सारी प्लानिंग हुई।इस प्लानिंग में ट्रांसपोर्ट कंपनी कर्मचारियों को शामिल किया गया। फिर पेपर के 3 कोड आउट कराए गए। एसटीएफ अब पकड़े गए 4 आरोपियों को रिमांड पर लेकर अहमदाबाद जाएगी और पूरा सीन समझेगी।

  बता दें यूपी  पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 17-18 फरवरी को हुई। इसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। बाद में पता चला कि तमाम अभ्यर्थियों के पास पेपर पहले ही पहुंच गया था। पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुए तो सरकार को ये परीक्षा रद्द करनी पड़ी। केस की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ  मेरठ टीम ने 15 मार्च को इस केस में गाजियाबाद से अभिषेक शुक्ला निवासी प्रयागराज, शिवम गिरि निवासी मिर्जापुर और रोहित पांडेय निवासी भदोही को गिरफ्तार किया।शिवम और रोहित अहमदाबाद की टीसीआई कंपनी में काम करते हैं। इसी कंपनी को यूपी पुलिस के पेपर अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश तक लाने का टेंडर मिला था। शिवम और रोहित ने नकल माफियाओं से संपर्क किया और ट्रांसपोर्ट कंपनी के गोदाम से ही पेपर आउट करा दिया।

 यूपी पुलिस के पेपर की छपाई अहमदाबाद की एडुस्टेट सॉल्युशन प्रेस में हुई। इसके बाद इन पेपरों को अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश तक भेजने का जिम्मा ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया प्रा. लि. कंपनी टीसीआई को दिया गया।प्रेस और ट्रांसपोर्ट कंपनी में करीब 50 किलोमीटर की दूरी है। ट्रांसपोर्ट कंपनी का खेड़ा अहमदाबाद में एक बड़ा गोदाम है। इसके अंदर चार हॉल बने हैं। कोल्ड चैन, सप्लाई चैन, टीसीआई एक्सप्रेस और टीसीआई फ्रंट। एडुस्टेट प्रेस में छपने वाले ज्यादातर पेपरटीसीआई के थ्रू ही विभिन्न राज्यों-शहरों को भेजे जाते हैं।

हर बार छपकर आने वाले पेपर से भरे ट्रंक (लोहे के बॉक्स) टीसीआईएक्सप्रेस हॉल में रखे जाते हैं। लेकिन, वो गोदाम/हॉल फिलहाल अन्य पेपरों से भरा हुआ था। इसलिए यूपी पुलिस के पेपर वाले ट्रंक सप्लाई चैन के गोदाम में रख दिए गए। सप्लाई चैन में ही शिवम गिरि और रोहित पांडेय काम करते हैं। ऐसे में उन्हें पेपर आउट करने का मौका मिल गया, जिसके जुगाड़ में वो महीनों से लगे हुए थे।इसके एवज में दोनों को फिलहाल साढ़े 5 लाख रुपए मिले थे। 15-20 लाख रुपए पेपर होने के बाद मिलने का वायदा हुआ था। माना जा रहा है कि पेपर आउट कराने के लिए ही शिवम-रोहित ने पेपरों के ट्रंक रखने की जगह बदलवाई होगी।

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि शिवम गिरि और रोहित पांडेय पहले से प्रयागराज निवासी अभिषेक शुक्ला के संपर्क में थे। अभिषेक भी टीसीआई कंपनी में पहले काम कर चुका है और फिलहाल नकल माफिया गैंग से मिला है।





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