आशा कार्यकर्ताओं का टीबी संवेदीकरण किया
- लक्षण, उपचार और निदान की विस्तृत जानकारी दी
- टीबी रोगी खोजने पर हर आशा को मिलता है “इंसेंटिव”
हापुड़, 16 फरवरी, 2024। जच्चा-बच्चा केंद्र (पीपीसी), कोठीगेट के सभागार में चल रहे आशा कार्यकर्ताओं के पांच दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी गई। जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने आशा कार्यकर्ताओं का टीबी के प्रति संवेदीकरण किया और उन्हें टीबी रोगी खोजने पर मिलने वाले “इंसेंटिव” का लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में पीपीसी के प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. राकेश यादव, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) शैलेंद्र सिंह, मास्टर ट्रेनर प्रियंका नामदेव और ट्रेनर विकास सैनी का सहयोग रहा।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया - टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति के बारे में सूचना देने, उसकी टीबी जांच कराने और रोग की पुष्टि होने पर बतौर इंफॉर्मर किसी भी व्यक्ति को पांच सौ रुपए का इंसेंटिव देने का प्रावधान है। आशा कार्यकर्ता भी यह इंसेंटिव प्राप्त करने की हकदार हैं। यह लाभ प्राप्त करने के लिए आशा कार्यकर्ता लक्षण युक्त व्यक्ति को नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर लेकर जाएंगी। उसकी टीबी जांच कराएंगी और जांच में रोग की पुष्टि होने पर उसे नियमित उपचार के लिए प्रेरित करेंगी। उपचार को दो माह पूरे होने पर उसकी जांच कराएंगी।
गैर संचारी रोग (एनसीडी) के लिए आयोजित पांच दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम में 30 आशा कार्यकर्ता शामिल रहीं। सोमवार से 30 आशा कार्यकर्ताओं के दूसरे बैच का अभिमुखीकरण कार्यक्रम शुरू होगा। आशा कार्यकर्ताओं को बताया गया - दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, वजन कम होना, थकान रहना, सीने में दर्द रहना या शरीर के किसी हिस्से में गांठ बनना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से एक भी लक्षण आने पर टीबी की जांच करानी चाहिए। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है।
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