हापुड़ डिपो कर्मचारियों का किया टीबी के प्रति संवेदीकरण
- 65 कर्मचारियों की हुई स्क्रीनिंग, जांच के लिए 15 कर्मचारियों के स्पुटम लिए
- सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है टीबी की जांच और उपचार की सुविधा
हापुड़, 02 फरवरी, 2024। क्षय रोग विभाग का फोकस्ड टीबी स्क्रीनिंग अभियान जारी है। इसी क्रम में शुक्रवार को क्षय रोग विभाग की ओर से यूपी रोडवेज के हापुड़ डिपो में एक शिविर का आयोजन किया गया। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (एआरएम) रणजीत सिंह की उपस्थिति में रोडवेज कर्मचारियों का टीबी के प्रति संवेदीकरण करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने कहा - टीबी दो प्रकार की होती है। पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों की टीबी) और एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी यानि फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों में होने वाली टीबी। टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। केवल पल्मोनरी टीबी संक्रामक होती है, यह सांस के जरिए फैलती है। सभी प्रकार की टीबी का उपचार संभव है, इसके लिए नियमित उपचार और खानपान का ध्यान रखना जरूरी होता है।
डीटीओ ने बताया - दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार होना, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, भूख कम लगना, वजन कम होना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण आने पर टीबी की जांच कराना आवश्यक है। जांच कराने में देरी से रोगी के निकट संपर्क में रहने वाले भी संक्रमित हो सकते हैं, हालांकि टीबी का उपचार शुरू होने के दो माह बाद इस बात का खतरा नहीं रहता। भारत सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है और यह हर लक्षण युक्त व्यक्ति की जांच और जांच में टीबी की पुष्टि होने पर उपचार से ही संभव है। उन्होंने रोडवेज कर्मचारियों का आह्वान किया कि टीबी के लक्षणों की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में क्षय रोग विभाग की मदद करें। कार्यालय अधीक्षक भारत शर्मा, डिपो इंचार्ज सुमन लता और सीनियर फोरमैन युसुफ जैदी ने रोडवेज डिपो में स्क्रीनिंग शिविर के आयोजन के लिए जिला क्षय रोग विभाग का आभार जताया।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया - डिपो में आयोजित शिविर में कुल 65 कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की गई, टीबी से मिलते-जुलते लक्षण पाए जाने पर जांच के लिए 15 कर्मचारियों का स्पुटम (बलगम) लिया गया है। स्क्रीनिंग से रह गए कर्मचारियों के लिए शनिवार को भी शिविर का आयोजन किया जाएगा। शुक्रवार को आयोजित शिविर में कर्मचारियों के रक्तचाप और शुगर की भी जांच की गई। रक्तचाप और शुगर पीड़ितों को डीटीओ डा. राजेश सिंह ने जीवनशैली और खानपान के बदलाव की सलाह दी। शिविर में वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक दीपक कुमार और लैब टेक्नीशियन लोकेंद्र सिंह का भी सहयोग रहा।
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