कंप्यूटर साइंस व  एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के संगम से बदल सकती है देश की खेती किसानी की तस्वीर 

आधुनिक तकनीक से अपडेट शिक्षकों के सहयोग से बन सकेगा भारत विश्व गुरु

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के कंप्यूटर साइंस व एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वाधान में माननीय कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में तथा संकाय अध्यक्ष तकनीकी प्रोफेसर संजय कुमार भारद्वाज के निर्देशन में सोमवार को "द रिसेंट ट्रेंड्स आफ बिग डाटा एंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन द फील्ड ऑफ़ कंप्यूटर साइंस एंड एग्रीकल्चर इंजिनियरिंग" विषय पर ऑनलाइन मोड में एक छह दिवसीय "फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम" का शुभारंभ हुआ ।

     पहले एवं उद्घाटन सत्र में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज सिंघल ने सभी प्रतिभागियों को एफडीपी के विषय के बारे में विस्तार से जानकारी दी कार्यक्रम संयोजक इंजीनियर मिलिंद ने अतिथियों का परिचय कराया। मुख्य अतिथि के रूप में डीटीयू के कुलपति प्रोफेसर धनंजय जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि शिक्षण कार्य केवल जॉब नहीं है बल्कि देश के युवाओं का चरित्र निर्माण  करना भी हैं ,ऐसे में एक शिक्षक की ट्रेनिंग से निश्चित रूप से  हजारों विद्यार्थियों तक इसका लाभ पहुंचता है, जब देश बेहतरीन शिक्षक प्रोड्यूस करता है तो डाटा ,इनफॉरमेशन, नॉलेज ,विजडम के सहारे विश्व गुरु बनने की सच्ची राह पकड़ता है  इसके उपरांत विश्वविद्यालय कार्य परिषद की सदस्य प्रोफेसर वाय विमला ,प्रोफेसर भूपेंद्र कुमार छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने पीडीपी के विषय को वर्तमान समय की जरूरत बताया । FDP मे लगभग 910 प्रतिभागी शिक्षकों ने हिस्सा लिया ।दूसरे सत्र में आईआईआईटी भोपाल के निदेशक प्रोफेसर आशुतौष ने कहा कि एग्रीकल्चर व कंप्यूटर साइंस के संगम द्वारा देश की खेती किसानी की सूरत बदली जा सकती है। कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम के सह समन्वयक जे आर बेंथम,गौरव त्यागी ,स्वाति सिंह ,कवि भूषण, मोनिका गॉड , स्वाति अग्रवाल, ऋतु शर्मा,हरि गोस्वामी, प्रवीण पंवार,रूपल चौधरी , गुरुशरणकांत इत्यादि का सहयोग रहा।

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