यौन शोषण करने वाले पुलिस अधिकारी की याचिका खारिज

 कोर्ट ने कहा- आरोपी ने किया पद का दुरुपयोग
प्रयागराज (एजेंसी)।
शादी का झूठा वादा कर महिला से यौन शोषण करने के आरोपी पुलिस अधिकारी की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी है। आरोपी पुलिस अधिकारी ने मुकदमे को रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याची के अधिवक्ता गुलाब चंद्रा, रुपेश कुमार सिंह व शासकीय अधिवक्ता सतीश कुमार त्यागी ने पक्ष रखा।
गाजियाबाद में याची अंशुल कुमार एक मामले की विवेचना के दौरान पीड़िता शिवानी के संपर्क में आए। महिला ने आरोप लगाया कि अंशुल ने नशीला कोल्ड डि्ंक पिलाकर उसके साथ संबंध बनाया। पहले से शादीशुदा होने के बाद भी अंशुल महिला को शादी का झांसा देकर लगातार संबंध बनाता रहा।
बाद में शादी से इन्कार करने पर महिला ने धारा 376, 377 सहित अन्य धाराओं में थाना मधुवन बापूधाम,गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज कराया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला लंबित है। याची ने दर्ज मुकदमे को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के शंभू खरवार (सुप्रा) मामले का संज्ञान लिया।
इसके अनुसार एक बार यह स्थापित हो जाए कि शादी का वादा, जिसकी आड़ में आरोपी ने पीड़िता के साथ संबंध बनाया था, शुरू से ही झूठा था और ऐसे वादे पर यदि आरोपी ने उसे प्रेरित करते हुए यदि पीड़िता से यौन संबंध बनाया है तो उसे बलात्कार का अपराध माना जाएगा। कोर्ट ने नशीला कोल्ड डि्ंक पिलाकर बेहोशी की हालत में संबंध बनाने के मामले का संज्ञान लिया।
कोर्ट ने कहा, पीड़ितों की सुरक्षा करना पुलिस का कर्तव्य है, लेकिन मौजूदा मामले में लगाए गए आरोपों के अनुसार प्रतीत होता है कि याची ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए महिला का यौन शोषण किया है। इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई उपयुक्त आधार नहीं है, ऐसे में आवेदन खारिज किया जाता है।

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