चौ. चरण सिंह समेत तीन को मिलेगा भारत रत्न

 प्रधानमंत्री मोदी ने किया बड़ा ऐलान
नई दिल्ली (एजेंसी)।
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिंहा राव को सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देने का एलान किया है। वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'एक्स' पर इसका एलान किया।
 इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर और देश के पूर्व उपप्रधनमंत्री लालकृष्ण आणवाणी को भी यह सम्मान देने का एलान हो चुका है। आडवाणी को छोड़कर बाकी चारों हस्तियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।


दिल जीत लियाः चौ.जयंत सिंह
उधर, रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि दिल जीत लिया है। वहीं, पिछले कई दिनों से जयंत के भाजपा में जाने की बात जोर-शोर से चल रही है। इसी को देखते हुए पहले ही लग रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान हो सकता है।
1937 में पहली बार विधायक बने
चरण सिंह सबसे पहले 1937 में छपरौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए एवं 1946, 1952, 1962 एवं 1967 में विधानसभा में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने और राजस्व, चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य, न्याय, सूचना इत्यादि विभिन्न विभागों में कार्य किया। जून 1951 में उन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया एवं न्याय तथा सूचना विभागों का प्रभार दिया गया। बाद में 1952 में वे डॉ. सम्पूर्णानन्द के मंत्रिमंडल में राजस्व एवं कृषि मंत्री बने। अप्रैल 1959 में जब उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, उस समय उन्होंने राजस्व एवं परिवहन विभाग का प्रभार संभाला हुआ था।
सी.बी. गुप्ता के मंत्रालय में वे गृह एवं कृषि मंत्री (1960) थे। सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में वे कृषि एवं वन मंत्री (1962-63) रहे। उन्होंने 1965 में कृषि विभाग छोड़ दिया एवं 1966 में स्थानीय स्वशासन विभाग का प्रभार संभाल लिया।

मुजफ्फरनगर में खुशी का माहौल
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न की घोषणा के बाद मुजफ्फरनगर जिले में खुशी का माहौल है। चौधरी चरण सिंह ने साल 1971 का चुनाव मुजफ्फरनगर सीट से लड़ा था। यही उनका पहला लोकसभा चुनाव था। मुजफ्फरनगर से उनका गहरा नाता रहा। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान यहां लगातार आते-जाते रहे।

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