गणतंत्र  दिवस परेड में दुनिया ने देखी भारत की ताकत

 कर्तव्य पथ बना भारतीय हथियार प्रणालियों की शक्ति का गवाह

नयी दिल्ली।  भारत न शुक्रवार को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाया। राष्ट्रीय राजधानी में कर्तव्य पथ देश के सशस्त्र बलों की शक्ति का गवाह बना। पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी। 

गणतंत्र दिवस की परेड में 61 कैवेलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। 61 कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी 'स्टेट हॉर्स यूनिट्स' का समामेलन है। भारतीय सशस्त्र बल राष्ट्र और उसके देशवासियों को अपनी निस्वार्थ सेवा प्रदान कर रहे हैं, नियंत्रण रेखा (एलओसी), वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के माध्यम से दुनिया भर में सीमाओं पर स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित कर रहे हैं।


गणतंत्र परेड 2024 की शुरुआत फ्रांस के एक बैंड और मार्चिंग दल द्वारा मार्च के साथ की गई।इस वर्ष, गणतंत्र दिवस परेड में जिन हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया, उनमें टैंक टी-90, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, हथियार का पता लगाने वाला रडार सिस्टम- स्वाति शामिल हैं।

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई टैंक टी-90 भीष्म की टुकड़ी भी शामिल हुई। जिसका नेतृत्व 42 बख्तरबंद रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट फैज़ सिंह ढिल्लों ने किया। भीष्म टैंक तीसरी पीढ़ी का रूसी मुख्य युद्धक टैंक है जो 125 मिमी स्मूथ बोर गन से लैस है। टी-90 हंटर किलर कॉन्सेप्ट पर काम करता है। यह चार प्रकार के गोला-बारूद दाग सकता है और 5000 मीटर की दूरी तक बंदूक से मिसाइल दागने की भी क्षमता रखता भीष्म टैंक थर्मल इमेजिंग दृष्टि की मदद से रात में भी प्रभावी ढंग से शिकार और हत्या कर सकता है।इसमें ERA पैनल भी हैं जो इस घातक मशीन के कवच को और भी मजबूत बनाते हैं। 46 टन की यह विशाल मशीन 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकती है और सभी प्रकार के इलाकों में प्रभावी ढंग से काम कर सकती है. रेजिमेंट के रंग फ्रेंच ग्रे, मैरून, काला हैं. इसका आदर्श वाक्य 'करम शौर्य विजय'।

वहीं अगली टुकड़ी 17 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट के कैप्टन अभय पंडित के नेतृत्व में मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एनएजी मिसाइल सिस्टम की थी। सिस्टम जिसे लोकप्रिय रूप से NAMIS कहा जाता है, एक टैंक विध्वंसक है जिसे स्वदेशी रूप से रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला हैदराबाद द्वारा डिजाइन किया गया है। इसमें एक ट्रैक किया हुआ बख्तरबंद लड़ाकू वाहन शामिल है, जिसमें चालक दल रहित बुर्ज है जो छह 'नाग' एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को फायर करने में सक्षम है।

NAMICA में कुल बारह मिसाइलें हैं, जिनमें छह रेडी-टू-फायर मोड में और छह स्टोरेज में हैं. इसमें साइलेंट वॉच ऑपरेशन के लिए एक कॉम्पैक्ट सहायक पावर यूनिट (एपीयू), एक आग का पता लगाने और दमन प्रणाली (एफडीएसएस) और परमाणु, जैविक और रासायनिक सुरक्षा प्रणाली (एनबीसीपीएस) है.

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