सीएमओ ने स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया
- डासना सीएचसी पर शपथ के साथ लिया गया सामाजिक भेदभाव मिटाने का प्रण
- कुष्ठ रोग उन्मूलन के लिए जिले में 13 फरवरी तक चलेगा जागरूकता अभियान
गाजियाबाद, 30 जनवरी, 2024। विश्व कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर मंगलवार को स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान - 2024 का शुभारंभ किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) डासना पर स्टाफ को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता, उन्मूलन और कुष्ठ रोगियों के प्रति सामाजिक भेदभाव दूर करने के लिए शपथ दिलाई। इस मौके पर राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अमित विक्रम, डासना सीएचसी प्रभारी डा. नीरज कुमार समेत अन्य चिकित्सक भी मौजूद रहे। डासना सीएचसी के बाद सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने भोजपुर पीएचसी पर भी स्टाफ को यह शपथ दिलाई।
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने कहा - कुष्ठ रोग छूने, हाथ मिलाने या कुष्ठ रोगी के पास से गुजरने से नहीं फैलता। यह एक दीर्घकालीन संक्रामक रोग है। कुष्ठ रोगियों के साथ सामाजिक भेदभाव करना ठीक नहीं है। यह रोग वंशानुगत भी नहीं होता और समय से पहचान और नियमित उपचार के बाद ठीक हो सकता है। उपचार में देरी स्थाई विकलांगता का कारण बन सकती है। इसलिए लक्षण नजर आने पर नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सकीय परामर्श और उपचार लें। कुष्ठ रोग को पहचानना बहुत आसान है। त्वचा पर हल्के रंग के दाग, दाग वाले स्थान पर सुन्नपन, पलक और आंखों के ऊपर भौंह के बाल उड़ना, पैर के तलवों पर दर्द रहित घाव होना और कान के आसपास गांठ होना कुष्ठ रोग के सामान्य लक्षण हैं। किसी भी व्यक्ति में इस तरह के लक्षण आने पर सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकीय परामर्श लेना आवश्यक है।
सीएमओ ने सीएचसी स्टाफ को शपथ दिलाई- हम सभी कुष्ठ रोगियों की जल्दी से जल्दी पहचान करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसके साथ ही न तो हम किसी कुष्ठ प्रभावित व्यक्ति से कोई भेदभाव करेंगे और न ही किसी अन्य को करने देंगे। हम अपने जनपद को कुष्ठ रोग से मुक्त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम कुष्ठ रोगियों को जितनी जल्दी हो सके खोजने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। हम व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों से जुड़े कलंक और भेदभाव को समाप्त करने और उनको समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अपना पूर्ण योगदान देगें। हम सभी कलंक एवं भेदभाव के प्रति शून्य सहिष्णुता के लिए "भेदभाव का अन्त करें, सम्मान को गले लगाएं" की प्रतिज्ञा लेते हैं।"
कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अमित विक्रम ने बताया - स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। अभियान के दौरान कुष्ठ रोग के लक्षणों का प्रचार- प्रसार किया जाएगा ताकि जन समुदाय कुष्ठ रोग के प्रति संवेदनशील हो और कुष्ठ रोग को लेकर प्रचलित गलत धारणाओं पर प्रहार किया जा सके। समाज में एक बड़ी ही गलत धारणा यह है कि कुष्ठ रोग बुरे कर्मों का फल है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्रे नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। कुष्ठ रोगी के साथ सामाजिक व्यवहार करने से यह रोग नहीं फैलता।
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