माइक्रोसाइट” लांच इवेंट में जनपद से 73 चिकित्सालयों और पैथ लैब के प्रतिनिधि शामिल होंगे

प्रतिनिधि मंडल को खुद सीएमओ भवतोष शंखधर और एसीएमओ डा. अमित विक्रम  लीड करेंगे

माइक्रोसाइट” के प्रयोग से डाक्टर के पास रिपोर्ट लेकर नहीं जाना पड़ेगा : सीएमओ

मथुरा में दो फरवरी को आयोजित होगा “माइक्रोसाइट” लांच इवेन्ट

 

गाजियाबाद, 30 जनवरी 2024डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को आम लोगों के लिए अधिक सुलभ एवं समावेशी बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम)उत्तर प्रदेश ने “माइक्रोसाइट्स” की शुरुआत की है। मथुरा में 2 फरवरी को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अध्यक्षता में “माइक्रोसाइट” लांच इवेन्ट का आयोजन किया जा रहा है। इवेंट में शिरकत करने के लिए जनपद गाजियाबाद से 73 पंजीकरण किए गए हैं। यह पंजीकरण निजी क्षेत्र के चिकित्सालयनर्सिंग होमडायग्नोस्टिक सेंटर और पैथोलॉजी लैब के स्वामियों और प्रतिनिधियों के द्वारा ‌किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर और एसीएमओ डा. अमित विक्रम इस प्रतिनिधिमंडल को लीड करेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया- निजी क्षेत्र के प्रदाताओं में जागरूकता बढ़ाने और “मरीजों एवं सेवा प्रदाताओं के विभिन्न लाभों को प्रदर्शित करने के लिए “माइक्रोसाइट्स” को लागू किया जा रहा है। यह एक तरह का ऑनलाइन पोर्टल है। “माइक्रोसाइट” लांच इवेन्ट में हेल्थ इको- सिस्टम के अंतर्गत कार्यरत निजी क्षेत्र के आधुनिक अथवा परंपरागत स्टेक होल्डर्सजैसे - क्लीनिकपॉलीक्लीनिक डायग्नोस्टिक सेंटर पैथोलॉजी सेंटरनर्सिंग होम,मेडिकल स्टोर के स्वामी अथवा प्रतिनिधि भी प्रतिभाग करेंगे।कार्यक्रम में गाजियाबादगौतमबुद्धनगरमेरठआगरा अलीगढ़बिजनौरबुलंदशहरमुरादाबादमुजफ्फरनगररामपुरसहारनपुर एवं फर्रुखाबाद के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया- जनपद में आयुष्मान भारत डिजिटल पर आईडी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जनपद के सभी सरकारी और निजी चिकित्सालयनर्सिंग होमपॉलीक्लीनिकडायग्नोस्टिक सेंटरपैथोलॉजीसेंटर से माइक्रोसाइट लॉंच इवेंट से पूर्व अपने आईडी बनाने के निर्देश दिये हैं। अब तक जनपद से 73 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। “माइक्रोसाइट” लांच होने के उपरांत उपचार प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी। इसमें हर मरीज के स्वास्थ्य का पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। वह जब भी किसी चिकित्सक के पास जाएगा तो उसे केवल अपनी आईडी बताने की जरूरत पड़ेगी। उस आईडी से ही चिकित्सक को संबंधित मरीज के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। मरीज कब कौन सी बीमारी से ग्रसित रहा है और उसके लिए उसने कौन सी दवाएं ली थींजांच रिपोर्ट की क्या स्थिति थीसब एक ‌क्लिक पर पता चल जाएगा। इससे निजी व सरकारी च‌िकित्सालयों की ओपीडी सेवाएं और सुचारू व कारगर हो सकेंगी। उन्होंने बताया- “माइक्रोसाइट” के लिए प्रथम चरण में निजी चिकित्सकों की यूनिक आईडी तैयार की जा रही हैइसके बाद मरीजों की यूनिक आईडी तैयार कर साइट से जोड़ी जाएंगी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की ओर से देश भर में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को त्वरित रूप से अपनाने के लिए 100 माइक्रोसाइट्स परियोजना की घोषणा के तहत यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मरीज इन सुविधाओं पर उत्पन्न स्वास्थ्य रिकॉर्ड को अपने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खातों (एबीएचए) के साथ जोड़ सकेंगे और अपने फोन पर किसी एबीडीएम-सक्षम व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड (पीएचआर) एप्लिकेशन का उपयोग करके इन रिकॉर्ड को देख और साझा कर सकेंगे।

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