राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर"स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह के लिए सतत विकास पर कार्यक्रम का आयोजन 

मेरठ।  शोभित  इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के  स्कूल ऑफ बेसिक एंड अप्लिएड् साइंसेस विभाग द्वारा राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर"स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह के लिए सतत विकास पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ जयानंद एवं प्रोफेसर दीप गुप्ता  द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में विभाग के निदेशक प्रो डॉ राकेश कुमार जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत  किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एन्वायरमेंट की प्रो डॉ दीप गुप्ता कॉलेज ऑफ़ इंजिनियरिंग, रूड़की यूनिवर्सिटी, रूड़की) रही। उन्होंने पर्यावरण दिवस पर अपने विचारों में जलवायु आपातस्थिति, जैवविविधता के पतन और व्यापक प्रदूषण को स्पष्ट रूप से सम्बोधित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश न केवल बाल अधिकारों को पहुँचने वाले नुक़सान से रक्षा के लिए ज़िम्मेदार हैं, बल्कि वर्तमान निष्क्रियता के कारण, भविष्य में उनके अधिकारों का सम्भावित उल्लंघन भी उनकी ही ज़िम्मेदारी होगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देशों को उनकी सीमाओं के भीतर या उससे परे होने वाले पर्यावरणीय नुक़सान के लिए भी ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है। जिन देशों ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सन्धि पर मुहर लगाई है। उनसे जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीक़े से समाप्त करके, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने, वायु गुणवत्ता में सुधार करने, स्वच्छ पानी तक पहुँच सुनिश्चित करने एवं जैवविविधता की रक्षा करने जैसे तात्कालिक क़दम उठाने का आग्रह किया गया है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर जयानंद ने राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस की इस वर्ष की थीम "स्वच्छ और स्वस्थ ग्रह के लिए सतत विकास" पर बल देते हुए छात्रों को जागरूक किया।कार्यक्रम के अंत में डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, प्रो विनोद कुमार त्यागी ने मुख्य वक्ता का स्वागत कर छात्रों को निरंतर समय के साथ चलने के लिए प्रोत्साहित किया और सफल कार्यक्रम के लिए सभी को बधाई  दी।  कार्यक्रम का संचालन छात्रा आकृति गोस्वामी के  द्वारा  किया गया। कार्यक्रम की मुख्य संयोजक विभाग की प्रो डॉ ज्योति शर्मा एवं डॉ निधि त्यागी रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में कुलसचिव डॉ गणेश भारद्वाज, डॉ राकेश कुमार जैन, निदेशक (स्कूल ऑफ बेसिक और एप्लाइड साइंसेज), डॉ विपिन कुमार त्यागी, शमशाद हुसैन, अजय त्रिपाठी, प्राची एवं छात्रों का विशेष सहयोग रहा।

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