स्वास्थ्य विभाग ने निकाली पोलियो जागरूकता रैली
10 से 16 दिसम्बर तक चलेगा पल्स पोलियो अभियान
रविवार को 1050 बूथ पर पिलाई जाएगी बच्चों को “दो बूंद जिंदगी की”
नोएडा, 8 दिसम्बर 2023। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को पोलियो को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए रैली का आयोजन किया। रैली का मकसद 10 दिसम्बर (रविवार) से शुरू हो रहे पल्स पोलियो अभियान में शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने के लिए अभिभावकों को जागरूक करना था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने सेक्टर 39 स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय से हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। रैली में एनसीसी कैडेट्स ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। कैडेट्स हाथों में पोलियो से जुड़े जागरूकतापरक नारे लिखी तख्तियां लिये हुए थे |
संयुक्त जिला चिकित्सालय से शुरू हुई रैली महिला पुलिस थाने, सिटी मेट्रो स्टेशन, राजकीय महाविद्यालय होते हुए पुन अस्पताल आकर समाप्त हुई। इस अवसर पर सीएमओ ने अभिभावकों से अपील की कि अभियान के दौरान अपने शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा जरूर पिलाएं। उन्होंने बताया अभियान 10 से 16 दिसम्बर तक चलेगा। इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. आर.के. सिंह, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उबैद कुरैशी, जिला वैक्सीन भंडार प्रबंधक अखिलेश कुमार, सीनियर लैब टेक्नीशियन रविन्द्र राठी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ सहित सीएमओ कार्यालय के अधिकारी –कर्मचारी मौजूद रहे।
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उबैद कुरैशी ने बताया- जनपद में 10 दिसम्बर को करीब 1050 बूथ पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद 11 से 16 दिसम्बर तक टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए लगभग 1500 टीम बनाई गईं हैं, जो लक्षित 4.50 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी। इसके लिए करीब 10.51 लाख घरों को लक्षित किया गया है। टीम की मॉनिटरिंग के लिए सुपरवाइजर बनाये गये हैं, जो टीम की निगरानी करेंगे। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी।
डा. कुरैशी ने बताया -पोलियो का टीका नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में भी शामिल है। पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। उन्होंने बताया-पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।
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