अवैध टेलिफोन एक्सचेंज  में पकडे गये आरोपियों से खुलेंगे बडे राज 

दबोचा गया एक और शातिर, एटीएस ने दबोचा था 

 मेरठ । परीक्षितगढ़ में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालन के मामले में एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीम ने  एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दुबई से इस गिरोह को संचालित कर रहे मास्टरमांइड के संबंध में एटीएस जानकारी जुटा रही है। एटीएस ने परीक्षितगढ़ पुलिस के साथ बृहस्पतिवार रात को एक आरोपी को मौके पर गिरफ्तार किया था।

परीक्षितगढ़ में बढ़ला रोड स्थित राजा मोहल्ला में संचालित अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का नौ नवंबर की रात एटीएस व पुलिस की संयुक्त टीम ने पर्दाफाश किया था। यहां से मवाना के मोहल्ला कल्याण निवासी नूर मोहम्मद उर्फ शाकिब को गिरफ्तार किया गया था। मौके से तीन सिम बॉक्स, पांच राउटर, छह मोबाइल, एक लैपटॉप और एयरटेल व बीएसएनएल के 342 सिम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद हुआ था। नूर मोहम्मद के अलावा दिलशाद और नैडी नाम के व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी, इंडियन वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट और आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले में वांछित दिलशाद को  गिरफ्तार कर लिया गया।

एटीएस इंस्पेक्टर राजीव त्यागी ने बताया कि दुबई में बैठा नैडी नाम का व्यक्ति परीक्षितगढ़ में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करा रहा था। नैडी से नूर मोहम्मद का संपर्क फेसबुक से हुआ था। उसने प्रति कॉल पांच पैसे देने का ऑफर दिया था। नूर मोहम्मद ने कमरा किराए पर लेकर सेटअप तैयार करा लिया था। नैडी ने कोरियर के माध्यम से सिम बॉक्स भेजा था। नूर मोहम्मद ने परीक्षितगढ़ में किराए पर कमरा लेकर हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन लगवा लिया और एक लैपटॉप खरीदा। नैडी ने वीडियो कॉल और एनीडेस्क साॅफ्टवेयर के माध्यम से सेटअप लगवा दिया।

इसके अलावा मोबाइल सिमकार्ड व अन्य सामान भैसाली रोडवेज बस स्टैंड पर बस से भिजवा दिए। जिससे उसे पांच हजार रुपये प्रतिदिन कमाई होने लगी। नैडी समय-समय पर उसके बैंक खाते में ट्रांसफर करता था। अवैध एक्सचेंज के जरिए कॉल करने वाले की पहचान छिपी रहती है और उसे ट्रेस करना भी मुश्किल होता है। आरोपियों को बड़ी संख्या में प्री-एक्टीवेटेड सिम देने वाले रिटेलर्स और इस गैंग में शामिल अन्य सदस्य भी एटीएस के रडार पर हैं।

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