भूकंप के तेज झटकों से कांपी  मेरठ, दिल्ली एनसीआर पश्चिमी यूपी की धरती 

 नींद से जागे लोग, इमारतों से बाहर की ओर दौड़े,20 सेकेंड तक महसूस किये गये

 मेरठ।  मेरठ समेत दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार और उत्तराखंड सहित उत्तर भारत में शुक्रवार की रात को  भूकंप  के तेज झटके महसूस किए । बीस सकेंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गये। इस दौरान लोग नींद से जाग कर बाहर की भाग निकले। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता   6.4 मापी गई है। 

  भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। भूकंप के तेज झटकों के कारण लोगों में हड़कंप मच गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। लोगों का कहना है कि उन्होंने काफी देर तक झटके महसूस किए। मेरठ में भी इसका प्रभाव देखा गया । लोग टीवी में मस्त थे। तो कुछ मोबाइल पर गेम्स खेल रहे थे। जैसे ही उन्हें अपने आसपास की चीज हिलती दिखाई दी। फिर उन्होंने भूकंप का शोर मचा दिया। भूकंप की बात सुन कर लोग अपने घर से बाहर की भाग निकले। लोगों में इसके बाद दशहत दिखाई दे रही है। 

 बता दें पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

 कौन सा स्थान भूकंप का केन्द्र होता है

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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