सुभारती विवि में गंगा पुस्तक परिक्रमा व्याख्यान का हुआ आयोजन

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय संस्कृति में गंगा का महत्व के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। साथ ही कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा गंगा की सफाई एवं इसकी महत्ता के विषय पर पोस्टर व पेंटिंग प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसके साथ ही राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा वैन लाइब्रेरी भी आकर्षण का केन्द्र रही।

फाइन आर्ट कॉलेज के राजा सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की संपादकीय सहयोगी प्रीतिका दुबे, विख्यात इतिहासकार व लेखक अनुवादक अनिल कुमार गांधी, गंगा पुस्तक परिक्रमा प्रभारी आकाश, कवयित्री कोमल रस्तोगी, सेवानिवृत्त पर्यटन अधिकारी शील वर्धन, लेखक प्रो. अशोक त्यागी, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, वेलनेस सेन्टर के निदेशक डॉ. राहुल बंसल, कार्यक्रम संयोजक डॉ. संदीप कुमार ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की संपादकीय सहयोगी प्रीतिका दुबे ने कहा कि नमामि गंगे के साथ मिलकर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास गंगा संरक्षण व इसके प्रति जागरूकता हेतु कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास पुस्तकों के अध्ययन पर बल देता है, ताकि सभी को देश दुनिया व संस्कृति की जानकारी प्राप्त हो। उन्होंने बताया कि गंगा पुस्तक परिक्रमा 7 नवम्बर से शुरू हुई है, जो 11 जनवरी को कोलकाता के गंगा सागर में जाकर समाप्त होगी।

सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पुस्तकों द्वारा ही हमारी सभ्यता व संस्कृति का संरक्षण तथा विकास होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गंगा का महत्व सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी भारतीय संस्कृति का गौरव है और गंगा का जल परम पवित्र है। उन्होंने कहा कि जहां जहां गंगा का जल प्रवाहित होता है, वह स्थान आध्यात्मिक केन्द्र बन जाता है। उन्होंने गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने सभी को गंगा पवित्र व प्रदूषण से मुक्त करने का संकल्प दिलाया।

प्रख्यात लेखक प्रो. अशोक त्यागी ने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति की पहचान है। उन्होंने कहा कि जहां से गंगा गुजरती है, वह स्थान तीर्थ बन जाता है। उन्होंने कहा कि तीर्थ का अर्थ पवित्रता, करूणा एवं पवित्र संकल्प से है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गंगा समाहित है, गंगा किनारे ही हमारे ऋषि मुनियों व महापुरुषों ने वैदिक रचनाएं व ज्ञान प्राप्त कर मानव कल्याण हेतु कार्य किये है। उन्होंने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन हेतु आस्था का केन्द्र है।

वेलनेस सेंटर के निदेशक डॉ.राहुल बंसल ने पीपीडी के माध्यम से पुस्तकों द्वारा व्यक्तित्व विकास पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि किताबें हमारा सर्वांगीण ज्ञान वर्धन करती है। उन्होंने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा गंगा के संरक्षण हेतु गंगोत्री से गंगा सागर तक निकाली जा रही गंगा पुस्तक परिक्रमा कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि किताबों से ही हमारे अंदर जागरूकता आती है और मोबाईल व इंटरनेट ने लोगो को एवं विशेषकर विद्यार्थियों को तनावग्रस्त कर रखा है। उन्होंने कहा कि किताबों को पढ़ने हेतु आदत डालनी चाहिए।

 इस अवसर पर वेलनेस सेन्टर के निदेशक डॉ.राहुल बंसल, कार्यक्रम संयोजक डॉ. संदीप कुमार, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. सुधीर त्यागी, डॉ. अनोज राज, डॉ.भावना ग्रोवर, डॉ. निष्मा सिंह, डॉ. शालू नेहरा, डॉ. सोकिन्द्र कुमार, हर्षवर्धन कौशिक आदि सहित आयोजन समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा। कार्यक्रम में शिक्षा संकाय, ललित कला संकाय, कला एवं समाज विज्ञान संकाय के विद्यार्थी व शिक्षक गण आदि उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment

Popular Posts