राम-सीता विवाह प्रसंग सुन आनंदित हुए श्रद्धालु
मेरठ। दिव्य श्री रामकथा मिलेनियम पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अंकित मदन शर्मा की और से, ईहा पैलेस में चल रही रामकथा के छठे दिन हरिद्वार से आए महामंडलेश्वर डॉ. उमाकांत सरस्वती महाराज ने सीता विवाह प्रसंग की कथा श्रोताओं को वर्णन किया जिसे सुनकर श्रोता भाव-विभोर हो उठे।
कथा में उमाकांत सरस्वती महाराज जी ने राम सीता विवाह के प्रसंग में बताया कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा हुआ था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। जिसे देख राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा ली, कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर सभी देश के राजा और महाराजाओं को निमंत्रण पत्र भेजा। समय पर स्वयंवर की कार्रवाई शुरू हुई और एक-एक कर लोगों ने धनुष उठाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता व राम का विवाह हुआ। इस दौरान संगीतमयी भजन की दमदार प्रस्तुति हुई जिसे सुनकर श्रद्धालु झूमने से खुद को नहीं रोक सके। पावन कथा का श्रवण करने पहुँचे केंद्रीय मंत्री लोकेश प्रजापति दैनिक युग सत्ता के संपादक अरविंद मोहन शर्मा ,चिन्मय भारद्वाज ,शिवकुमार शर्मा ,रजनीश कौशल, एसपी मिश्रा अनुज भारद्वाज,अमित शर्मा,ऋषभ पराशर आदि उपस्थित रहे।
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