बेटा-बेटी के सामाजिक भेदभाव को त्याग कर, बेटी की प्रगति में अपना सहयोग प्रदान करें अभिभावक- राज्यपाल

बच्चो की प्रगति में मां का होता है अहम योगदान

भव्य रूप से मनाया गया चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय का 35वां दीक्षान्त समारोह

समारोह में 190 छात्र-छात्राओ को दिये गये गोल्ड मेडल प्रमाण पत्र

साहसी बनो, दयालु बनो और अपने आपको सबसे अच्छे उदाहरण के रूप में पेश करो-मुख्य अतिथि पद्मश्री/सचिव आयुष मंत्रालय भारत सरकार

शिक्षा मानव जीवन का करती है सर्वागीण विकास-विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री

मेरठ    प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय कुलपति  आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुधवार को  चौ चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रेक्षागृह में विवि का 35वां दीक्षान्त समारोह भव्य रूप से मनाया गया। समारोह में कुल 190 छात्र-छात्राओ को गोल्ड मेडल/उपाधि विभिन्न संकायो में दिये गये। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख कलश जल भरण कर किया गया।  राज्यपाल ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चो को फल, पुस्तक किट एवं आंगन बाडी कार्यकत्रियो को बच्चो के लिए आंगनबाडी किट का वितरण किया। कुलपति  द्वारा कुलाधिपति, मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह अंग वस्त्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर  राज्यपाल  को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया राष्ट्रगान भी गाया गया।



दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये  राज्यपाल  ने कहा कि बेटियां अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। आज कुल मेडल प्राप्त छात्र-छात्राओ में 70 प्रतिशत से अधिक मेडल बेटियों ने प्राप्त किये है जो बेटा और बेटी में भेदभाव करते है यह उनके लिए साफ संदेश है। उन्होंने अभिभावकों को प्रेरित करते हुये कहा कि बेटा-बेटी के इस सामाजिक भेदभाव को त्यागे और बेटी की प्रगति में अपना सहयोग प्रदान करें।

 


                कुलाधिपति विश्वविद्यालय/राज्यपाल  आनंदी बेन पटेल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम पूर्व प्रधानमंत्री चौ चरण सिंह  के नाम पर रखा गया है। भारत के इतिहास में मेरठ का स्थान सिर्फ एक शहर का नहीं है बल्कि मेरठ हमारी संस्कृति, हमारे सामर्थ्य का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। मेरठ क्षेत्र ने रामायण, महाभारत काल से लेकर जैन तीर्थंकरों, पंच प्यारो में से एक भाई धर्म सिंह ने अपने देश की आस्था को ऊर्जावान किया है। मेरठ हॉकी के खिलाडी मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली भी रहा है। उन्हीं के नाम पर सरकार द्वारा खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। मेरठ खेल के सामान का बहुत बडा बाजार है तथा मेरठ को भारत का खेल शहर भी कहा जाता है। मेरठ के आर्थिक एवं सामजिक महत्व को देखते हुये सरकार द्वारा आरआरटीएस एवं एयरवे विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां के उत्पाद देश के विभिन्न क्षेत्रो के साथ-साथ विदेशों में भी आसानी से पहुंचेंगे।

  


  

                विश्वविद्यालय द्वारा लगातार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुये उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने नैक रैकिंग में प्लस प्लस प्राप्त किया है तथा क्यूएस रैकिंग के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने साउथ एशिया में क्यूएस रैकिंग में 219वां स्थान प्राप्त किया है। इसके लिए विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं विश्वविद्यालय प्रशासन बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों का उद्देश्य केवल रैंकिंग के लिए ही प्रयास करना नहीं बल्कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए विश्वस्तरीय प्लेटफार्म तैयार करना है जिसके लिए प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय एवं सरकार लगातार प्रयासरत है। हम सभी का मूल उद्देश्य वैश्विक स्तर पर अपने विश्वविद्यालयों को समकक्ष स्थान प्राप्त कराते हुये विश्व में भारत का गौरव बढाना है। विश्वविद्यालय की रैकिंग में सुधार होने से आज विदेशी विश्वविद्यालय हमारे विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन कर रहे है।

 पदकों को मॉ को समर्पित करें छात्राएं

                उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये  कुलाधिपति ने कहा कि बच्चो की प्रगति में अहम योगदान मां का होता है इसलिए सभी शिक्षणार्थी प्राप्त किये मेडल अपनी मां को समर्पित करें। मां की व्याख्या करते हुये उन्होने बताया कि मां अलार्म है, मां कुक है, मां शिक्षक है, मां रिसेप्शनिस्ट है, मां नर्स है, मां महारानी है जीवन में मां के प्रति अपने दायित्व को कभी नहीं भूलना चाहिए। छात्र-छात्राओ को भविष्य के प्रति विजनरी पर्सन होने की सीख देते हुये उन्होने कहा कि सभी छात्र-छात्राएं अपने अच्छे विजन के साथ आगे बढे तथा जो सपना देखा है उसमें सतत् प्रयासरत रहे, भटकाव से बचें, निश्चित ही जीवन में सार्थक परिणाम मिलेंगे। इसके बारे में विस्तृत रूप से चर्चा कर उन्होने नाइक कंपनी के संस्थापक का उदाहरण दिया।

                उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के साथ-साथ हमें अपने राष्ट्र निर्माण के प्रति दायित्वो को नहीं भूलना चाहिए। किसी भी स्थिति में समाज एंव राष्ट्र के प्रति समर्पित रहते हुये कार्य करें। व्यक्ति की आर्थिक प्रगति एवं शिक्षा के उद्देश्य को जोडते हुये उन्होने समझाया कि आज विश्वभर में दानदाताओ में सबसे ऊपर रतन टाटा उद्योगपति का नाम आता है जो कि हमारे सामने अच्छी शिक्षा एवं आर्थिक प्रगति का उदाहरण है। उन्होने बताया कि जनपद मेरठ में भी जिला प्रशासन, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि, उद्यमी आदि दानदाताओ के सहयोग से आंगनबाडी केन्द्रो पर किट प्रदान की गयी है, इसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र है।

मुख्य अतिथि पद्मश्री/सचिव आयुष मंत्रालय भारत सरकार वैद्य राजेश कोटेजा ने कहा कि ग्लोबल सेंटर फार टेलीमेडिसिन के अंतर्गत भारत सरकार के आयुष मंत्रालय डब्लूएचओ ने पहला वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा सम्मेलन आयोजित किया था। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने डब्लूएचओ के साथ बहुत सारे सहयोग किये है। उन्होने बच्चो से कहा कि दुनिया आपके योगदान, आपके नवाचार, आपके नेतृत्व की प्रतीक्षा कर रही है। साहसी बनो, दयालु बनो और अपने आपको सबसे अच्छे उदाहरण के रूप में पेश करें।

                विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि शिक्षा मानव जीवन का सर्वागीण विकास करती है, शिक्षा समाज के प्रति दायित्व का बोध कराती है तथा शिक्षा ऐसे मानव का निर्माण करती है जो समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव रखता हो। उन्होने कहा कि जल है तो कल है, जल है तो जीवन है इसलिए जल की एक-एक बूंद को बचाना चाहिए। उन्होने कहा कि आज विश्व के खेल जगत में भारत का नाम हो रहा है। उन्होने कहा कि मेरठ एक पौराणिक, ऐतिहासिक, क्रांतिकारी नगरी है। उन्होने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य समाज राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराना होना चाहिए। समाज ने हमें जो जिम्मेदारी दी है उसका पूरी निष्ठा से पालन करें यही राष्ट्रभक्ति है।

                विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो संगीता शुक्ला ने बताया कि विश्वविद्यालय 222 एकड़ भूक्षेत्र में विकसित है। विश्वविद्यालय में नवाचारी कार्यक्रमों के अन्तर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कार्यरत है। विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा संस्थान है जो कि सौर ऊर्जा से विद्युत का उत्पादन करता है। उन्होंने कुलाधिपति/राज्यपाल मुख्य अतिथि के जीवन वृत्त पर भी प्रकाश ड़ाला।

                कुलपति ने बताया कि वर्ष 2023 का कुलाधिपति स्वर्ण पदक चिकित्सा संकाय की प्रियंका मिश्रा डा0 शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक वाणिज्य संकाय की आरजू को दिया गया। किसान ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित पुरस्कारों में चौ0 चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार में बी0एस0सी0 कृषि में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले हिमांशु सैनी तथा बी0एस0सी0 कृषि में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले दीपक कुमार को प्रशस्ति पत्र स्मृति चिन्ह प्रदान किए गये।

                उन्होंने बताया कि विवि में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले 18 छात्र-छात्राओ को प्रायोजित स्वर्ण पदक एवं पदक प्रमाण पत्र दिये गये जिनमें अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक अमीषा पटेल को, मुरारी लाल माहेश्वरी मेमोरियल स्वर्ण पदक मुस्कान को दिया गया। वि0वि0 परिसर में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 35 छात्र-छात्राओ को प्रायोजित स्वर्ण पदक एवं प्रमाण पत्र दिये गये जिसमें एमए (अर्थशास्त्र) में रितिका को, एमए (समाज शास्त्र) में  हर्षिता को, एमएससी (जन्तु विज्ञान) में अभिलाषा चौधरी को तथा एमए (राजनीति विज्ञान) में भावना को दिया गया। महाविद्यालयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वालो 12 छात्र-छात्राओ को प्रायोजित स्वर्ण पदक एवं प्रमाण पत्र दिये गये जिनमें एम00 (समाजशास्त्र) में रूबी को तथा एमए (अर्थशास्त्र) में सुम्मैया जहीर सैफी को दिया गया। इस इस प्रकार कुल 65 प्रायोजित स्वर्ण पदक एवं प्रमाण पत्र दिये गये। उन्होंने बताया कि कुलपति स्वर्ण पदक, पदक प्रमाण पत्र एवं विशिष्टि योग्यता प्रमाण पत्र वर्ष 2023 में 190 छात्र-छात्राओ को दिया गया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, समस्त कार्यकारी परिषद सदस्य, अन्य अधिकारीगण, गणमान्य लोग, शिक्षकगण, दीक्षार्थी, छात्र-छात्राएं, अभिभावक, आंगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित रही।

 

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