मेडिकल में पहली बार हुई दुरबीन विधि से कंधे के फटे लिगामेंट की सफल सर्जरी
मेरठ। मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग में पहली बार दूरबीन विधि द्वारा कंधे के फटे (टियर ) लिगामेंट की सफल सर्जरी की गयी है। महिला कुश्ती खिलाडी को खेल के दौरान बार-बार कंधा उतरने की पिछले दो साल से वह परेशान थी। सर्जरी के बाद वह पूरी तरह फिट है।
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि खेल के दौरान बार-बार कन्धा उतरने के कारण मोदीपुरम निवासी 18 वर्षिय महिला कुश्ती खिलाडी के दाएं कंधे की लिगामेंट फट गया था। दो साल से परेशान मरीज़ ने मेरठ मेडिकल कॉलेज के हड्डी एवं स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. कृतेश मिश्रा से सलाह ली जिसके बाद गुरुवार सुबह मेडिकल कॉलेज में पहली बार डॉ मिश्रा एवम उनकी टीम द्वारा दूरबीन विधि से मरीज़ के दाएं कंधे की सर्जरी की गई।
डॉ. कृतेश मिश्रा ने कहा कि खिलाडियों में, विशेषकर गेंदबाज़ों, कुश्तीबाज़ों एवं टेनिस खेलने वालों में कंधे की स्पोर्ट्स इंजरी बहुत आम है। बार-बार कंधे का उतर जाना जोड़ की अस्थिरता को दर्शाता है। जिसमे आम तौर पर कंधे की झिल्ली या लिगामेंट के फटने की सम्भावना होती है जिसे डाक्टरी भाषा में "बैंकर्ट टियर" कहते हैं। इसके पुष्टिकरण हेतु सर्जरी से पूर्व कंधे की एम. आर. आई. की जाती है। आर्थ्रोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा) "बैंकर्ट रिपेयर" सर्जरी में एंकर नामक टांके के माध्यम से फटे लिगामेंट की मरम्मत की जाती है। डॉ. मिश्रा ने यह भी बताया कि उनको अपने इंग्लैंड के फेलोशिप के दौरान छोटे चीरे से एवं दूरबीन विधि द्वारा खिलाडियों को होने वाले कई सारे स्पोर्ट्स इंजरी के जटिल सर्जरी का प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिला। अब प्रान्त के खिलाडियों को इलाज हेतु दिल्ली जाने की आवश्यकता नहीं होगी तथा काफी किफायती दरों में मेडिकल कॉलेज मेरठ में स्पोर्ट्स इंजरी का इलाज संभव है।
प्रधानाचार्य डॉ. आर सी गुप्ता एवं हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर टोंक ने डॉ मिश्रा एवं उनकी टीम को बधाई दी। ऑपरेशन टीम में डॉ. शिवम, डॉ. नितिन एवं एनेस्थेसिया विभाग से डॉ. योगेश माणिक एवं डॉ. प्रमोद चंद शामिल रहे।
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