जिसने पाला उसी पिता की हत्या की सुपारी दे दी
पकडे जाने पर पुलिस पूछताछ में खुला राज
मेरठ। जिस बेटे को पाल कर बडा किया उसी बेटे ने अपने पिता की हत्या के लिए साढ़े 5 लाख की सुपारी दे दी। सुपारी देने का कारण था कि स्क्रैप कारोबारी पिता दूसरी महिला के घर आता-जाता था। साथ ही उस पर जमकर पैसे उड़ाता था। हालांकि यह कारोबारी की किस्मत थी कि वह 15 अगस्त को शूटरों के हमले में बच गया।गोलियां लगने से घायल हुए स्क्रैप कारोबारी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। 15 दिन से बेटा अस्पताल में अपने पिता की हर तरह से सेवा करता रहा। मगर, उसकी पोल तब खुली, जब शुक्रवार को 3 शूटर पुलिस के हत्थे चढ़े।
थाना लिसाड़ी गेट गली नंबर-29 में रहने वाले स्क्रैप कारोबारी जलालुद्दीन (55) की खैरनगर में दुकान है। वह पुराना तांबा और पीतल खरीदने का काम करते हैं। जलालुद्दीन के बड़े भाई हाजी बिलाल का अपनी पत्नी नाजमा से विवाद चल रहा था। 4 मई, 2022 को बिलाल की हत्या गाजियाबाद के लोनी में हो गई थी। इसको लेकर नाजमा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद पुलिस ने नाजमा को जेल भेज दिया था। बिलाल की हत्या में जलालुद्दीन और उसका भाई ग्यासुद्दीन पैरवी कर रहे हैं।15 अगस्त को जलालुद्दीन इंचौली के कुआं पट्टी में स्थित अपने दूसरे मकान गए थे। वहां से लौटते समय सिविल लाइन थाना क्षेत्र के भगत लाइन के पास बाइक पर आए दो बदमाशों ने जलालुद्दीन को पीछे से 3 गोली मार दीं। पुलिस ने आनन-फानन में उनको जसवंत राय हॉस्पिटल में भर्ती कराया था।इस मामले में कारोबारी के बेटे सैफ ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। तभी से पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी की मदद से हमलावरों की तलाश कर रही थी। इसी की मदद से सिविल लाइन थाना पुलिस ने 24 अगस्त को सुपारी किलर कासिफ को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था।
सीओ सिविल लाइन अरविंद चौरसिया को कासिफ ने बताया था कि उसने जान के कहने पर कारोबारी हाजी जलालुद्दीन को गोली मारी थी। इसके बाद पुलिस ने जान को गिरफ्तार कर थाने ले आई। पहले तो जान ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। काफी देर तक वह सिर्फ सिर हिलाकर हां और ना में जवाब देता रहा। लेकिन, पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ शुरू की, तो वह टूट गया।
उसने बताया, ''कारोबारी के बेटे सैफ ने ही अपने पिता को मारने की 5.50 लाख रुपए में सुपारी दी थी। इसके बाद मैंने, कासिफ और नफीस से सौदा तय किया था। फिर 15 अगस्त को जलालुद्दीन पर फायरिंग की गई। मगर, किस्मत से वह बच गया।'' इसके बाद पुलिस ने कारोबारी के बेटे सैफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
कारोबारी के बेटे सैफ ने बताया, मेरे पिता का लिसाड़ी गेट की रहने वाली एक महिला के घर आना-जाना था। कारोबार से जो कमाई होती थी, पिता वो पैसा महिला पर खर्च कर देते थे। पिता महिला के बेटे से मेरी बहन की शादी भी करना चाहते थे। इस बात को लेकर हर दिन घर में झगड़ा होता रहता था। समाज में मेरी बेइज्जती हो रही थी। लोग हमें ताने देते थे। इसी वजह से मैंने पिता को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इसके लिए 5.50 लाख रुपए में जान से उनकी हत्या का सौदा तय किया। जान को मैंने पहले 3.30 लाख दे दिए थे। बाकी के पैसे काम होने के बाद देना था।
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