हापुड़ के एसपी-डीएम पर कार्रवाई के लिए अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
बोले - तत्काल प्रभाव से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो
मेरठ। हापुड़ में हुए अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में हाई कोर्ट बेंच केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आपातकालीन बैठक में रविवार को 15 सितंबर तक हड़ताल पर रहने का निर्णय किया गया। सोमवार को अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में जुलूस निकालकर अदालत में चल रहे कामकाज को बंद कर दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपते हुए हापुड़ के एसपी और जिलाधिकारी पर कार्रवाई और तत्काल एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की।
मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुंवर पाल शर्मा और महामंत्री विनोद कुमार चौधरी के नेतृत्व में अधिवक्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने बीती 29 अगस्त को हापुड़ की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हापुड़ पुलिस द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज किया गया। तभी से अधिवक्ता आंदोलन कर रहे हैं।
उनका कहना है कि हापुड़ के जिलाधिकारी और एसपी का शीघ्र ट्रांसफर किया जाए। लाठी चार्ज करने वाले एसपी और पुलिसकर्मियों पर मुकदमा तो हो गया। लेकिन उन्हें निलंबित भी किया जाए। हापुड़ की घटना के बाद प्रदेश में पुलिस के खिलाफ धरने प्रदर्शन हुए थे। लेकिन पुलिस ने अधिवक्ताओं पर झूठी एफआईआर दर्ज कर दी। उन्हें स्पंज किया जाए। पुलिस की लाठी चार्ज में घायल हुए अधिवक्ताओं को मुआवजा दिया जाए। इसी के साथ अधिवक्तों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
हापुड़ में हुई घटना के बाद से पुलिस और अधिवक्ताओं में तनातनी का माहौल है। अधिवक्ताओं के धरने के दौरान पुलिस कर्मियों ने कचहरी परिसर से दूरी बनाए रखी। हालांकि इस दौरान महामंत्री विनोद कुमार चौधरी ने भी अधिवक्ताओं से अनुशासन में रहने का आग्रह किया। उनका कहना है कि अधिवक्ताओं की लड़ाई अनुशासन में रहकर लड़ी जाएगी।
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