प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रबंधन में किया गया सराहनीय कार्य-राज्य मंत्री राजस्व विभाग

25 जनपदों में आठ हजार आपदा मित्रों का किया गया चयन- अनूप  प्रधान वाल्मीकि 

 चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित अटल सभागार में आयोजित हुई मंडल स्तरीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला 

मेरठ ।चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित अटल सभागार में आयुक्त  सेल्वा कुमारी जे के अध्यक्षता में मंडल स्तरीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। आयुक्त ने जापान में हुये सैन्डाई एग्रीमेन्ट, प्रधानमंत्री के द्वारा सैन्डाई फ्रेमवर्क के संबंध में 10 एजेंडा बिन्दुओं तथा इस संबंध में मुख्यमंत्री के विचारो के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।

 उन्होंने कहा कि मेरठ मंडल में बाढ, सूखा, शीतलहर, अग्नि दुर्घटना, गैस लीकेज, डूबने से मृत्यु, सर्पदंश, नाव दुर्घटना जैसी हर तरीके की आपदाओ की संभावना हो सकती है।   उन्होने कहा कि जनपद स्तर की भांति मंडल स्तर पर भी मॉनीटरिंग यूनिट होनी चाहिए। उन्होने कहा कि अग्नि दुर्घटनाओ से बचने के लिए सभी को बुनियादी व अग्नि शमन उपकरण चलाने का ज्ञान होना चाहिए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि/मा0 राज्य मंत्री राजस्व विभाग उ0प्र0 शासन श्री अनूप प्रधान वाल्मीकि द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिलाधिकारी महोदय द्वारा सभी को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया गया। उपाध्यक्ष एमडीए तथा एडीएम वित्त द्वारा आगंतुको को स्मृति चिन्ह भेट किये तथा आयुक्त  को आईईसी किट प्रदान की गयी।  


मुख्य अतिथि/ राज्य मंत्री राजस्व विभाग अनूप प्रधान वाल्मीकि ने कहा कि आपदा को रोकना किसी इंसान के वश में नहीं है परंतु इसके जोखिम को कम जरूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया गया है, जहां वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में 38 जनपद बाढ़ प्रभावित थे वहीं अब कुल 5 जनपद बाढ़ प्रभावित हैं। यह कार्य सरकार की मंशा तथा अधिकारियों की बेहतर कार्यशैली के कारण ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित फसलों के लिए किसानों को मुआवजा देने का कार्य किया जा रहा है।  शासन द्वारा सोनभद्र में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाया गया है तथा आपदा से बचाव के लिए लखनऊ में राहत आयुक्त कार्यालय कंट्रोल रूम 1070 की स्थापना की गई है जो 24 घंटे कार्य करता है। लखनऊ में आपदा प्रबंधन हेतु हाईटेक भवन का निर्माण कराया जा रहा है, इसमें ट्रेनिंग सेंटर भी संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में दो लाख से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है तथा 25 जनपदों में आठ हजार आपदा मित्रों का भी चयन किया गया है।

विशिष्ट अतिथि/अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि मेरठ मंडल भूकंप जोन चार में आता है। आपदा के अंतर्गत बाढ़, रासायनिक आपदा, बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न खाद्य समस्या, डूबने से मृत्यु, सर्पदंश, नौका दुर्घटना, वज्रपात आदि आते है। उन्होने कहा कि जिला पंचायत को नौका की क्षमता तय करनी होगी। ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में आमजन को पता नहीं होता है कि उस समय क्या करें इसके लिए प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम होने चाहिए। 

कार्यशाला में मंडल के सभी जिला आपदा विशेषज्ञो द्वारा आपदा की स्थिति में अपनी तैयारियो तथा आपदा न्यूनीकरण के संबंध में बताया गया। कार्यशाला में जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओ की प्रकृति में परिवर्तन, आर्द्र भूमि को संरक्षित करने की आवश्यकता, केमिकल फैक्ट्री में मॉकड्रिल एवं ट्रेनिंग आदि बिन्दुओ पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली, भूकंप, बाढ़, सूखा, शीतलहर, लू से बचाव तथा सांप के काटने की स्थिति में क्या करें और क्या न करें से अवगत कराया गया। 

इस अवसर पर परियोजना निदेशक राहत आयुक्त कार्यालय उप्र अदिति उमराव, वरिष्ठ सलाहकार आपदा जोखिम न्यूनीकरण विशेषज्ञ यूनिसेफ घनश्याम मिश्रा, डिप्टी कमांडेंट एसडीआरएफ शोएब इकबाल, जिलाधिकारी दीपक मीणा, उपाध्यक्ष एमडीए अभिषेक पाण्डेय, सीडीओ शशांक चौधरी, ज्वाईंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त सूर्य कान्त त्रिपाठी सहित अन्य संबंधित अधिकारी व अन्य जनपदो से आये समस्त संबंधित अधिकारी व मंडलीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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