प्राणायाम बचाएगा तमाम संक्रमण से
आजकल हमारी हेल्थ टेंडेंसी बदल चुकी है। आप पूछेंगे क्यों? तो हमें नहीं लगता कि आपको इसका जवाब देने की भी ज़रुरत है। ये एक मुश्किल समय है। ऐसे में योग और प्राणयाम एक संजीवनी की भांति हमारे रक्षक बने हुए हैं। कोरोना के काले बादल इंसानी जीवन पर कब तक छाए रहेंगे कहना मुश्किल है? लेकिन इन सबके बीच आपकी सेहत और उससे जुड़ी हर चीज़ अब महत्वपूर्ण हो चुकी है। आज हर व्यक्ति केवल समाधान ढूंढने में लगा हुआ है। आप भी इस संक्रमण का कोई स्थायी हल चाहते हैं तो प्राणयाम को अपनाइये। इस श्वसन प्रक्रिया में आपके लंग्स के साथ सम्पूर्ण शरीर को लाभ मिलता है। यही कारण है कि कपालभाति और अनुलोम विलोम करने की सलाह हमेशा योग प्रशिक्षक देते हैं। आइये इस पोस्ट के द्वारा जानते हैं कि प्राणायाम किस तरह से आपको कोरोना जैसे संक्रमण से बचाये रखता है।
सांसों का संतुलन सिखाता है प्राणायाम
जी हां शायद वक्त के साथ हम सांस लेना भी भूलते जा रहे हैं। यही कारण है कि हम ठीक तरह से सांस भी नहीं लेते हैं। प्राणायाम के माध्यम से श्वसन की लय और ताल बनी रहती है। जब शरीर में ऑक्सीजन का भली प्रकार से नियमन होता है तो आप स्वस्थ रहते हैं। आधे से अधिक बीमारियों का कारण हमारा सांस सही तरीके से न लेना ही होता है। तो आप भी प्राणयाम की शुरुआत आज से ही कर दीजिये। इससे आपके शरीर में प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
मानसिक शक्ति को भी बढ़ाता है प्राणायाम
इस समय किसी चीज़ की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है तो वो है मानसिक शांति। लेकिन मौजूदा हालात इंसान को सामान्य रहने नहीं दे रहे हैं। आने वाले समय और वर्तमान में चल रही उथल-पुथल एक बड़ी चिंता के रूप में सामने आ रही हैं। सभी के मन में अनेक प्रश्न हैं। इस बीमारी से कैसे बचा जाये? कोरोना का अंत कैसे होगा? आर्थिक परिस्थितियां कब बेहतर होंगी। इन सबसे बचने के लिए आप प्राणायाम को अपनाइये। इससे आपको एक मानसिक आत्मबल मिलेगा। मानसिक मज़बूती आपको हर तरह की समस्या से दूर रखेगी।
लंग्स का संकुचन-प्रसारण है ज़रुरी
आपके फेफड़े जितने अधिक फैलेंगे और सिकुड़ेंगे उनका उतना अच्छा व्यायाम होगा। अब आप सोचेंगे ऐसा कैसे संभव है तो प्राणायाम इसका उत्तर है। प्राणायाम से आपके लंग्स पूरी तरह से सही मसाज पाते हैं। इससे उनमें ऑक्सीजन का विस्तार भी अच्छे से हो पाता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन जाती है तो वो खून के साथ मिलकर पूरे शरीर में पहुंचती है और शरीर को लाभ पहुंचाती है।
कपालभाति का अभ्यास करें
वैसे आपने कपालभाति के बारे में तो सुना ही होगा। अगर अभी तक सिर्फ सुना है तो इसे करना भी शुरू कर दीजिये। क्योंकि कपालभाति श्वसन तंत्र की सुरक्षा के लिए बहुत ज़रुरी माना गया है। कपालभाति शरीर के अंदर गर्मी तो बढ़ाता ही है साथ ही आपके फेफड़ों को भी मज़बूत बनाता है। खासकर जो लोग सर्दी-खांसी या एलर्जी का शिकार होते हैं उन्हें तो कपालभाति करना ही चाहिए।
अनुलोम विलोम से बेहतर कुछ नहीं
अगर आप कुछ और न कर पाएं तो केवल अनुलोम विलोम ही कर लें। अनुलोम विलोम को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से भी जाना जाता है। इस प्राणायाम से शरीर की समस्त नाड़ियां शुद्ध होती हैं। अनुलोम विलोम की सबसे अच्छी बात ये है कि इस क्रिया को हर व्यक्ति कर सकता है। फिर आप चाहे किसी भी बीमारी से ग्रसित क्यों न हों।
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